नई दिल्ली: वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि, केंद्र सरकार के पास पेट्रोलियम उत्पादों पर नया टैक्स लगाने की कोई योजना नहीं है। वर्तमान में, देश में पेट्रोल और डीजल पर सड़क और बुनियादी ढांचे के उपकर, विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क और कृषि अवसंरचना और विकास उपकर (एआईडीसी) लागु हैं। इन शुल्कों के अलावा, ईंधन उत्पादों पर मूल उत्पाद शुल्क भी लगाया जाता है।
बजट 2021 में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल और डीजल पर क्रमशः 2.5 और 4 रूपये प्रति लीटर कृषि उपकर की घोषणा की थी। इस नए उपकर के लागू होने के बाद, उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ को कम करने के लिए ईंधन की कीमतों पर मूल उत्पाद शुल्क (BED) और विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (SAED) दरों को कम किया गया था। इस सवाल का जवाब देते हुए कि क्या सरकार के पास माल और सेवा कर (GST) के दायरे में पेट्रोलियम उत्पादों को लाने के लिए कोई संयंत्र है, अनुराग ठाकुर ने कहा, “CGST अधिनियम की धारा 9 (2) के अनुसार, इन उत्पादों को GST में शामिल किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए जीएसटी परिषद की सिफारिश की आवश्यकता है। अभी तक, जीएसटी परिषद ने पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत शामिल करने के लिए कोई सिफारिश नहीं की है।