पटना : बिहार कैबिनेट ने मंगलवार को हुई बैठक में बहुप्रतीक्षित इथेनॉल उत्पादन संवर्धन नीति को मंजूरी दी। साथ ही राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के 39 प्रस्तावों को कैबिनेट ने मंजूरी दी।
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया कि, इथेनॉल उत्पादन संवर्धन नीति प्रमुख निर्णयों में से एक थी। नीति को राज्य उद्योग विभाग ने मंत्री सैयद शाहनवाज़ हुसैन की अध्यक्षता में जारी किया है। गन्ना और मक्का इथेनॉल उत्पादन के लिए दो इनपुट होंगे। जबकि बिहार गन्ने की खेती में समृद्ध है, राज्य में भी मक्का उत्पादन की प्रचुरता है। किशनगंज, अररिया, कटिहार, खगड़िया, भागलपुर और समस्तीपुर सहित कोसी और सीमांचल क्षेत्रों के कई जिले देश में मक्का की कुल उपज का लगभग 30% योगदान करते हैं।
नीतीश और शाहनवाज दोनों ने पिछले कुछ हफ्तों में नीति पर कई समीक्षा बैठकें की और राज्य में इथेनॉल का उत्पादन को बढ़ावा दिया। उन्होंने दावा किया है कि, यह निति उद्योगों और निवेशकों को लुभाएगी, जिससे रोजगार सृजन और गन्ना और मक्का की खेती में शामिल किसानों की बेहतरी होगी। नीतीश ने विभिन्न अवसरों पर कहा है कि, बिहार सरकार ने 2007 में राज्य में इथेनॉल उत्पादन इकाइयां स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजा था, लेकिन उस प्रस्ताव को यूपीए सरकार ने वापस कर दिया था। उन्होंने ख़ुशी व्यक्त की है कि, वर्तमान केंद्र सरकार ने इथेनॉल उत्पादन को मंजूरी दी है। सीएम नीतीश ने इथेनॉल प्रमोशन पॉलिसी की समीक्षा के लिए 25 फरवरी को हुई बैठक में कहा था कि बंद चीनी मिलों को फिर से शुरू किया जा सकता है।