नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि, भारत और ईरान यह दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार के लिए अन्य मुद्राओं के उपयोग के लिए बातचीत कर रहे हैं और जल्द ही यह मामला सुलझने की उम्मीद हैं। ईरान के भारतीय रुपये के भंडार में कमी के कारण चीनी जैसी वस्तुओं के निर्यात में कमी आई है। चीनी, चाय और चावल जैसे कृषि-वस्तुओं का निर्यात लगभग बंद हो गया है क्योंकि निर्यातकों को समय पर भुगतान नहीं मिल रहा है।
भारत के यूको और आईडीबीआई बैंक में ईरान के रुपया भंडार में काफी कमी आई है।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने बताया, ईरान के साथ हमारी बातचीत चल रही है। विदेश मंत्रालय बातचीत कर रहा है। हमें जल्द ही सफलता मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, हम इसे अप्रैल तक हल करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि, दोनों देश किसी अन्य मुद्रा की अनुमति देने के लिए चर्चा कर रहे हैं जिसे बैंक द्विपक्षीय व्यापार के लिए स्वीकार कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि, उम्मीद है कि अप्रैल तक इसका समाधान हो जाएगा, और उसके बाद निर्यात शुरू हो सकता है। ईरान को चीनी की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत से चीनी आयात करता है क्योंकि कीमतें बेहतर हैं और परिवहन लागत कम है। उन्होंने कहा कि, पिछले साल ईरान ने भारत से 11 लाख टन चीनी का आयात किया था, जो देश के कुल निर्यात का छठा हिस्सा है।