पुणे/कोल्हापुर: महाराष्ट्र में गन्ना किसान अपने खेत में खड़ी गन्ने की फसल को लेकर चिंतित हैं। राज्य में अब तक 68 चीनी मिलों ने पेराई बंद कर दी है, और मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जिसमे से कई मिलों के क्षेत्र के किसान अब गन्ना कर्नाटक की मिलों में ले जा रहें हैं। मिलें बंद होने से महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों किसानों को डर है कि, क्या उनके खेत में खड़े गन्ने की पेराई होगी भी या नही। इस सीजन में महाराष्ट्र की लगभग 188 मिलों ने अब तक 957.66 लाख टन गन्ने की पेराई की है, और 1000.71 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है। गन्ना किसानों का कहना है की, मिलों को सभी गन्ने की कटाई के लिए परिचालन में तेजी लानी होगी। मिलों के निदेशक निकाय के चुनाव अगले कुछ महीनों में होने वाले हैं, जिसके चलते सतारा की अधिकांश मिलें अपने क्षेत्र के सभी गन्ने की पेराई पर ध्यान दे रही है।
लॉकडाउन का डर…
कोल्हापुर के किसानों ने कहा, अब सीमावर्ती क्षेत्रों की कई मिलों ने परिचालन बंद कर दिया है और किसानों को पेराई के लिए जिले की अन्य मिलों का इंतजार कर रही है। कई मिलें केन हार्वेस्टर के साथ गन्ना काटने की प्रक्रिया को तेज कर रही हैं। राज्य सरकार ने लॉकडाउन लागू करने की चेतावनी दी है। कई गन्ना काटने वाले समूह पहले से ही अपने गाँव वापस आ रहे हैं।
इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन (ISMA) के अनुसार, मराठवाड़ा और अहमदनगर क्षेत्रों की मिलें जल्द ही बंद होने लगेंगी, जबकि कोल्हापुर, सतारा और सांगली क्षेत्रों की चीनी मिलों में अधिकांश मिलें अप्रैल के अंत तक शुरू रहेंगी। ‘इस्मा’ ने कहा है कि, मिलों के बंद होने की गति पिछले दो पेराई सत्रों से कम है। वेस्ट इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन (WISMA) ने किसानों को आश्वासन दिया है कि, राज्य में उपलब्ध सभी गन्ने की पेराई की जाएगी। कटाई और पेराई सहित सभी कार्य पूरे किए जाएंगे। मिल्स सभी उपलब्ध गन्ने की पेराई करेंगे।