मुंबई: मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र मंत्रिमंडल अगले सप्ताह घरेलू बाजार में बिक्री के लिए राज्य की चीनी मिलों को प्रति टन 1,500 रूपये की आंतरिक परिवहन सब्सिडी देने के प्रस्ताव पर विचार करेगा, ताकि मौजूदा वित्तीय संकट से निपटने में उद्योग के प्रयासों में मदद मिल सके।
राज्य सरकार दोहरे न्यूनतम बिक्री मूल्य (MSP) के प्रस्ताव पर भी विचार करेगी। अन्य प्रस्ताव जिसपर मंत्रिमंडल विचार करेगा, वह नीतीयोग द्वारा प्रस्तावित मिलों को तीन किस्तों में गन्ना किसानों को बकाया भुगतान करने की अनुमति देना है। इस तरह की प्रथा गुजरात में लागू की जा रही है।
अगर आकड़े की बात करे तो महाराष्ट्र में, 31 मार्च 2021 तक चीनी का उत्पादन 100.47 लाख टन था, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 59 लाख टन उत्पादन हुआ था। मिलों ने अब तक लगभग 961 लाख टन गन्ने की पेराई की है, जो कि राज्य के इतिहास में अब तक के सबसे अधिक है। इससे पहले 2017 में 954 लाख टन गन्ने की पेराई की गई थी। अब तक 113 मिलें राज्य में अपना पेराई कार्य बंद कर चुकी हैं और 76 चीनी मिलें चल रही हैं। पिछले सीजन में इसी तारीख को, पिछले साल संचालित 146 मिलों में से 28 मिलें चालू थी।