नई दिल्ली: भारत में इथेनॉल का सम्मिश्रण 7.2 प्रतिशत से अधिक हो गया है, और पहली बार यह इस स्तर तक पहुँच गया है। इथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2020-21 (दिसंबर से नवंबर) के पहले चार महीनों में यह कामयाबी मिली है। 2022 तक 10 प्रतिशत सम्मिश्रण लक्ष्य को पूरा करने के तरफ यह अहम कदम माना जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उद्योग के जानकारों का मानना है की अगर तेल-विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने अनुबंधित इथेनॉल को उठा लिया, तो अगले कुछ महीनों में औसत सम्मिश्रण नवंबर में मौसम समाप्त होने तक 8 प्रतिशत के करीब भी हो सकता है।
गोवा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तराखंड, और हिमाचल प्रदेश (और दमन और दीव, एक केंद्र शासित प्रदेश) जैसे राज्यों में 9.5-10 प्रतिशत इथेनॉल को पेट्रोल के साथ मिश्रित किया जा रहा है। इसका मतलब है कि, ये राज्य 2022 के लक्ष्य के करीब हैं।