पुणे: महाराष्ट्र में चीनी मिलें गन्ना भुगतान में अच्छा प्रदर्शन कर रही है। द हिन्दू बिजनेस लाइन डॉट कॉम में प्रकाशित खबर के मुताबिक, महाराष्ट्र के चीनी आयुक्त द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, 30 अप्रैल तक, राज्य में चीनी मिलों ने 22,293.34 करोड़ के कुल देय एफआरपी की तुलना में 20,599.73 करोड़ का भुगतान किया है, जो की 92.40 प्रतिशत है। पिछले साल मिलों ने इसी अवधि के दौरान 12,036.62 करोड़ का एफआरपी भुगतान किया था। इस सीजन में परिचालन शुरू करने वाली 190 चीनी मिलों में से 102 चीनी मिलों ने 100 प्रतिशत एफआरपी भुगतान किया है, जबकि 88 मिलों ने आंशिक रूप से किसानों को एफआरपी का भुगतान किया है।
चीनी आयुक्त ने 19 चीनी मिलों को राजस्व वसूली प्रमाणपत्र (आरआरसी) नोटिस जारी किया है। दिलचस्प है कि पिछले साल इसी महीने के दौरान किसी भी चीनी मिल को यह नोटिस नहीं दिया गया था। गन्ना (नियंत्रण) आदेश, 1966 ने किसानों द्वारा आपूर्ति के 14 दिनों के भीतर गन्ना मूल्य का भुगतान अनिवार्य कर दिया है। यदि मिलें निर्धारित समय में भुगतान करने में विफल रहती हैं, तो उन्हें देय राशि पर 15 प्रतिशत वार्षिक ब्याज देना होता है। चीनी आयुक्त कार्यालय के आंकड़ों से पता चलता है कि, राज्य की चीनी मिलों ने 1059.72 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन करने के लिए 1009.84 लाख मीट्रिक टन गन्ने की पेराई की है। 190 चीनी मिलों में से 181 ने पेराई कार्य बंद कर दिया है।