नई दिल्ली: भारत 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल सम्मिश्रण की अपनी महत्वाकांक्षी योजना को पूरा करने पर जोर दे रहा है। चालू वर्ष के दौरान तेल कंपनियां (OMCs) और चीनी मिलों के बीच 318 करोड़ लीटर इथेनॉल का अनुबंध किया गया है। अप्रैल में, सार्वजनिक क्षेत्र के तेल रिफाइनर-सह-खुदरा विक्रेता राष्ट्रव्यापी स्तर पर 7.63 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण करने की स्थिति में हैं। जबकि, देशभर के 11 राज्य 10 फीसदी ब्लेंडिंग करने में कामयाब हुए हैं।
द हिंदू बिजनेस लाइन डॉट कॉम में प्रकाशित खबर के मुताबिक, भारतीय चीनी मिल्स असोसिएशन (इस्मा) के महानिदेशक अविनाश वर्मा के मुताबिक, पिछले सप्ताह तक मौजूदा इथेनॉल वर्ष (दिसंबर 2020 से नवंबर 2021) के लिए 318 करोड़ लीटर इथेनॉल आपूर्ति के लिए अनुबंधित किया जा चुका है। लेकिन पेट्रोल की खपत में मौजूदा गिरावट बाधा ला रही है। उन्होंने कहा, OMCs हमें अन्य क्षेत्रों में इथेनॉल भेजने के लिए कह रहे हैं, लेकिन वह राज्य काफी दूर है। इथेनॉल निर्माताओं को विशेष परिवहन मूल्य की प्रतिपूर्ति के बिना वहां इथेनॉल पहुंचाना नुकसान का सौदा साबित हो सकता है।
OMCs भी इस बात से सहमत थे कि पेट्रोलियम उत्पादों की कम खपत के कारण इथेनॉल के उठाव में गिरावट आई है। OMCs पेट्रोलियम उत्पादों की सकल बिक्री के अनुपात में इथेनॉल की खरीद कर रहे हैं। तेल कपनियों के एक अधिकारी ने कहा कि, ओएमसी उन डिपो की संख्या बढ़ाने के लिए कदम उठा रही है, जहां इथेनॉल रखा जाएगा। वर्मा के अनुसार, इथेनॉल निर्माताओं को ओएमसी से जो परिवहन शुल्क मिल रहा है, वह वास्तविक कीमत से काफी कम है। “हमने उनसे अनुरोध किया है कि वे हमें पूरा परिवहन मूल्य दें या हमारे मिलों से इथेनॉल उठा लें। वर्मा ने यह भी संकेत दिया कि ओएमसी रेलवे द्वारा इथेनॉल स्थानांतरित करने पर विचार कर सकती है जो सस्ता हो सकता है।