लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने किसान को लाभ पहुंचाने के लिए एक और पहल करते हुए गन्ने और अनाज से इथेनॉल बनाने का अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत गन्ने से इथेनॉल उत्पादन की 54 परियोजनाओं को हाथ में लिया गया है। गन्ने के अलावा, चावल, गेहूं, जौ, मक्का और ज्वार से इथेनॉल बनाने की सात परियोजनाएं भी चल रही हैं। गन्ने से इथेनॉल उत्पादन की 54 परियोजनाओं में से 27 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जबकि अन्य 27 परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं, जो सितंबर के अंत तक पूरी हो जाएंगी। चावल, गेहूं, जौ, मक्का और ज्वार से इथेनॉल बनाने से संबंधित परियोजनाओं में अगले कुछ महीनों में उत्पादन शुरू हो जाएगा।
न्यूज एजेंसी uniindia.com के मुताबिक, राज्य के कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इथेनॉल की 61 परियोजनाओं से लगभग 25 लाख किसान लाभान्वित होंगे और उन्हें आय बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए उत्पादन में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि, एनओसी जारी करने में किसी तरह की देरी न हो। गन्ना राज्य के किसानों की प्रमुख नकदी फसल है। बुंदेलखंड को छोड़कर राज्य के लगभग हर जिले में गन्ना उत्पादन होता है। कुछ समय पहले तक चीनी मिलें, खांडसरी और गुड़ के व्यापारी गन्ने के खरीदार थे लेकिन अब गन्ने से इथेनॉल भी बनाया जा रहा है। सीएम योगी की पहल पर लोगों ने प्रदेश में इथेनॉल उत्पादन में निवेश के लिए दिलचस्पी दिखाई है, जिससे गन्ना किसानों को अब खरीदार खोजने के लिए चीनी मिलों या खांडसरी व्यवसायियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।