नई दिल्ली: इंडियन शुगर मिल्स असोसिएशन (इस्मा) के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने, जनवरी 2022 तक वैश्विक बाजारों में चीनी की कीमतें स्थिर रहने की उम्मीद जताई है। ‘द इकोनोमिक टाइम्स’ को दियें गयें साक्षात्कार में उन्होनें कहा की, वैश्विक चीनी कीमतों में हालिया वृद्धि ब्राजील में चीनी उत्पादन घटने के कारण है। हमें उम्मीद नहीं थी कि ब्राजील की फसल इतनी कम होने वाली है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि ब्राजील पिछले साल की तुलना में लगभग 7 से 8 मिलियन टन कम चीनी का उत्पादन करेगा। इसके अलावा हमें यह भी पता होना चाहिए कि थाईलैंड आमतौर पर जितना उत्पादन करता है, उससे लगभग 7 से 8 लाख मिलियन टन कम उत्पादन कर रहा है। थाईलैंड और ब्राज़ील ये दुनिया के दो सबसे बड़े चीनी निर्यातक हैं, और उन दोनों देशों द्वारा लगभग 15 मिलियन टन कम चीनी का उत्पादन हो रहा है। जिसके कारण आपने हाल की चीनी कीमतों की रैलियों को देखा है। उन्होंने कहा की, पिछले आठ-नौ महीनों में, वैश्विक चीनी की कीमतें लगभग 60% से 65% तक बढ़ गई हैं।
साक्षात्कार में आगे वर्मा ने कहा की, वैश्विक चीनी कीमतों को इसी स्तरों पर रहना चाहिए क्योंकि ब्राजील और थाईलैंड की फसल में गिरावट देखि जा रही है, इसलिए वैश्विक बाजार में चीनी की कमी देखने को मिलेगी। वास्तव में, विश्व स्तर पर विशेषज्ञों का मानना है कि, वैश्विक चीनी की कीमतें यहां से और बढ़नी चाहिए। मैं भी कीमत नीचे आते हुए नहीं देखता। उन्होंने कहा, भारत ने सीजन की शुरुआत से लगभग 6.3-6.4 मिलियन टन का निर्यात या अनुबंध किया है, जिसमें पिछले वर्ष के कुछ बचे हुए हिस्से को भी शामिल किया गया है।