मुंबई: अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चीनी की मिठास थोड़ी से कम होने लगी है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चीनी की कीमतों में दो महीने में पहली बार लगभग 50 डॉलर प्रति टन की गिरावट आई है। जानकारों का मानना है की इससे भारतीय चीनी उद्योग प्रभावित हो सकता है, और इसका सीधा असर निर्यात पर पड़ सकता है। गुरुवार को विश्व बाजार में रिफाइंड चीनी की कीमत 423 डॉलर प्रति टन थी, जबकि कच्ची चीनी 17 सेंट प्रति पाउंड पर कारोबार कर रही थी। 8 जून को रिफाइंड चीनी की कीमत 467 डॉलर थी। तब कच्चे चीनी की कीमत 17.80 सेंट प्रति पाउंड थी। चीनी उद्योग ने भविष्यवाणी की थी कि ब्राजील में सूखे के कारण इस साल उत्पादन में गिरावट आएगी। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चीनी की कीमतें पिछले कुछ महीनों से बढ़ रही हैं क्योंकि इथेनॉल की मांग बढ़ने की उम्मीद है और अधिक इथेनॉल की ओर ब्राजील के बदलाव का भी चीनी उत्पादन पर असर पड़ेगा। सूखे की मार झेल रहें ब्राजील से विश्व बाजार में चीनी की आपूर्ति घट रही थी, लेकिन जून के पहले सप्ताह में ब्राजील में औसतन 15-20 मिमी बारिश हुई। इसने क्षतिग्रस्त गन्ने को बचाया। भारत में चीनी का मौसम अभी समाप्त हुआ है और पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 35 लाख टन अतिरिक्त चीनी का उत्पादन किया गया है। चीनी निर्यात समझौते जोरों पर हैं।
फाइनेंसियल एक्सप्रेस डॉट कॉम में प्रकाशित खबर के मुताबिक, बॉम्बे शुगर मर्चेंट्स के महासचिव मुकेश कुवेदिया ने कहा कि, भारत से अतिरिक्त चीनी के अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रवेश करने की उम्मीद में वैश्विक बाजारों में कीमतों में कमी आई है।
एक्सपर्ट्स की माने तो, हालांकि वैश्विक बाजार में चीनी की कीमत में कमी आई है, लेकिन यह कुछ ही समय के लिए कम रहने की उम्मीद है।
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