मुंबई: देश में इथेनॉल उत्पादन को बढ़ाने के लिए कई कंपनियों ने निवेश करने की योजना बनाई हुई है। निवेश करने के मामलें में श्री रेणुका शुगर्स का नाम भी हमेशा से आगे रहा है।
श्री रेणुका शुगर्स ने कहा कि, कंंपनी इथेनॉल क्षमता का विस्तार करने के लिए 450 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। नियामक फाइलिंग में, कंपनी ने बताया कि, उसके बोर्ड ने उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 1,400-किलो लीटर प्रति दिन करने की मंजूरी दी है। फरवरी में, बोर्ड ने इथेनॉल की क्षमता को 720-किलो लीटर प्रति दिन से बढ़ाकर 970-किलो लीटर प्रति दिन करने की मंजूरी दी थी।
इथेनॉल सम्मिश्रण पर भारत सरकार की नीतियों के कारण कंपनी के निदेशक मंडल ने इथेनॉल उत्पादन के लिए 970-किलो लीटर प्रति दिन से 1,400-किलो लीटर प्रति दिन की क्षमता विस्तार को मंजूरी दी। इस क्षमता विस्तार के लिए आवश्यक निवेश 450 करोड़ रुपये है, और क्षमता वृद्धि अक्टूबर 2022 तक पूरी हो जाएगी।
रेणुका शुगर्स ने कहा, सरकार ने 7.79% के मौजूदा सम्मिश्रण के मुकाबले 2025 तक ईंधन में 20% इथेनॉल सम्मिश्रण अनिवार्य कर दिया है। इसे ध्यान में रखते हुए, कंपनी भारत सरकार के इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम के लिए इथेनॉल की एक बड़ी मांग को देखती है, जो भविष्य में कंपनी के लिए लाभकारी हो सकती है।
हाल ही में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, प्रदूषण में कटौती और आयात निर्भरता को कम करने के लिए पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत इथेनॉल-मिश्रण प्राप्त करने की लक्ष्य तिथि को पांच साल घटाकर 2025 कर दिया गया है। सरकार ने पिछले साल 2022 तक पेट्रोल में 10 फीसदी और 2030 तक 20 फीसदी मिश्रण का लक्ष्य रखा था।
थोड़े दिन पहले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (DFPD) के सचिव सुधांशु पांडे ने कहा था कि यह संभावना है कि देश में इथेनॉल आसवन क्षमता 2025 तक दोगुनी से अधिक हो जाएगी और भारत 20 प्रतिशत सम्मिश्रण लक्ष्य हासिल कर लेगा।