नई दिल्ली: सरकार इथेनॉल उत्पादन में वृद्धि को लेकर बढावा दे रही है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वाहन ईंधन के रूप में पेट्रोल में 12 प्रतिशत और 15 प्रतिशत इथेनॉल के मिश्रण के लिए एक अधिसूचना जारी की है, और इस फैसले पर 30 दिनों की अवधि के भीतर टिप्पणियां आमंत्रित की गई हैं।अधिसूचना में कहा गया है की, ई -12 और ई -15 के इथेनॉल गैसोलीन मिश्रणों पर चलने के लिए संगत स्पार्क इग्निशन इंजन (फ्लेक्स-फ्यूल इंजन) से सुसज्जित नए निर्मित गैसोलीन वाहनों को प्रचलित गैसोलीन उत्सर्जन मानदंडों के अनुसार अनुमोदित किया जाएगा। हाल ही में, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि, केंद्र सरकार फ्लेक्स-फ्यूल इंजन पर फैसला करेगी।
उन्होंने कहा था, मैं उद्योग को एक आदेश जारी करने जा रहा हूं कि वाहनों में केवल पेट्रोल इंजन नहीं होंगे, बल्क़ि फ्लेक्स-ईंधन इंजन होंगे, जहां लोगों के लिए विकल्प होगा कि वे 100 प्रतिशत कच्चे तेल या 100 प्रतिशत इथेनॉल का उपयोग कर सकते हैं। गडकरी ने उल्लेख किया था कि, ऑटोमोबाइल निर्माता ब्राजील, कनाडा और अमेरिका में फ्लेक्स-फ्यूल इंजन का उत्पादन कर रहे हैं, जिससे ग्राहकों को 100 प्रतिशत पेट्रोल या 100 प्रतिशत बायो-इथेनॉल का उपयोग करने का विकल्प मिल सके।
हाल ही में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि प्रदूषण में कटौती और आयात निर्भरता को कम करने के लिए पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत इथेनॉल-मिश्रण प्राप्त करने की लक्ष्य तिथि को पांच साल कम कर 2025 कर दिया गया है। सरकार ने पिछले साल 2022 तक पेट्रोल में 10 फीसदी इथेनॉल मिश्रण और 2030 तक 20 फीसदी डोपिंग करने का लक्ष्य रखा था। गडकरी ने कहा था कि, इथेनॉल पेट्रोल से बेहतर ईंधन है, और यह एक आयात विकल्प, लागत प्रभावी, प्रदूषण मुक्त और स्वदेशी है।
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