नई दिल्ली: एथेनॉल के सम्मिश्रण को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार के प्रयास से नकदी की तंगी से जूझ रही चीनी मिलों के राजस्व में वृद्धि होना तय है। लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों की राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि, चीनी मिलों को मौजूदा सीजन के दौरान तेल विपणन कंपनियों को एथेनॉल की बिक्री से 15,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होने की संभावना है। मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि, चीनी मिलों ने पिछले तीन सीजन 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के दौरान एथेनॉल बिक्री से कुल मिलाकर 22,000 करोड़ रुपये कमाए है।
मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि, 60-70 लाख टन के अतिरिक्त चीनी स्टॉक के चलते चीनी की पूर्व-मिल कीमतों पर दबाव बनाया है, जिसके परिणामस्वरूप मिलों को नकद नुकसान हुआ है। जिसके चलते किसानों का गन्ना बकाया बढ़ गया है।
ज्योति ने कहा, अधिशेष चीनी की समस्या से निपटने के लिए एक दीर्घकालिक समाधान खोजने के लिए केंद्र सरकार चीनी मिलों को अतिरिक्त गन्ने को एथेनॉल में बदलने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। तेल विपणन कंपनियों द्वारा खरीदे जा रहे एथेनॉल की मात्रा पिछले कुछ वर्षों में कई गुना बढ़ गई है।
भारत में एथेनॉल उत्पादन को लेकर अभी काफी चर्चा है और पिछले कुछ वर्षों में इस उद्योग में बहुत अच्छा बदलाव आया है।
आपको बता दे, सरकार का टारगेट है की 2025 तक पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत एथेनॉल सम्मिश्रण के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
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