इंदौर: उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार के साथ साथ मध्य प्रदेश सरकार द्वारा भी एथेनॉल उत्पादन को बढावा दिया जा रहा है। लघु उद्योग व आईटी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा, प्रदेश सरकार एथेनॉल के उत्पादन और ई- व्हीकल को प्रोत्साहित कर रही है। आपको बता दे की, वर्तमान में, मध्य प्रदेश के शहरों में ईंधन की दरें अधिक हैं। मूल्य वर्धित कर के कारण भारत के राज्यों में ईंधन की दरें अलग-अलग हैं। वर्तमान में एथेनॉल का उत्पादन कम होने से पेट्रोल-डीजल में मात्र 8 प्रतिशत मिश्रण होता है, जिसे बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक करने की योजना बनाई जा रही है।
पत्रिका डॉट कॉम में प्रकाशित खबर के मुताबिक, ओमप्रकाश सखलेचा ने कहा, मध्यप्रदेश में निजी उद्यमी एथेनॉल के 20 प्लांट लगा रहें है। इस पहल से प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, और साथ ही किसानों की आय बढ़ाने में भी दद मिलेगी। इसके साथ ही एथेनॉल उत्पादन के लिए अनाज की मांग बढ़ने से अनाज की कीमतों में गिरावट नहीं होगी, जिसका सीधा लाभ किसानों को होगा।
देश में एथेनॉल का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में पेट्रोल के साथ एथेनॉल का मिश्रण 9.89% तक पहुंच गया है, और यह ब्लेंडिंग देश के सभी राज्यों में सबसे अधिक है। 12 जुलाई तक, देश भर में औसत एथेनॉल सम्मिश्रण स्तर 7.93% था। कर्नाटक ने 12 जुलाई तक 9.68% सम्मिश्रण के साथ दूसरा स्थान हासिल किया, उसके बाद महाराष्ट्र (9.59%), बिहार (9.47%), मध्य प्रदेश (8.87%) और आंध्र प्रदेश (8.73%) का स्थान है।
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