भुवनेश्वर: केंद्र सरकार के एथेनॉल उत्पादन को प्रोत्साहित करने के बाद भारत के कई राज्यों में एथेनॉल उत्पादन के लिए नए निवेश आ रहे है। अब इस सूचि में ओडिशा भी जुड़ गया है।
राज्य सरकार ने नए निवेश आकर्षित करने पर अपना ध्यान जारी रखते हुए शुक्रवार को कुल 2,084 करोड़ रुपये की निवेश क्षमता वाली सात नई परियोजनाओं को मंजूरी दे दी। इनमें से तीन अनाज आधारित एथेनॉल प्लांट शामिल है, और इन सभी परियोजनाएं से 2,144 से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। केंद्र सरकार ने 2025 तक 20 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य निर्धारित किया है।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपे खबर के मुताबिक, मुख्य सचिव सुरेश चंद्र महापात्र की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय एकल खिड़की मंजूरी प्राधिकरण (SLSWCA) ने इन परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) के 500 KLPD अनाज आधारित एथेनॉल संयंत्र और बालासोर के पास बालगोपालपुर में 8 मेगावाट बिजली प्लांट के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। IOCL इस के लिए 870 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
SLSWCA ने दो और अनाज आधारित एथेनॉल प्लांट को भी मंजूरी दी, जिसमें नबरंगपुर के उमरकोट में हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) द्वारा 500 KLPD और मुंबई स्थित नेवाल्ट एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड को अंगुल जिले के बंताला के पास नुआखेटा में 100 KLPD एथेनॉल प्लांट के साथ बायोगैस प्लांट और को-जेन पावर प्लांट शामिल हैं। HPCL अपने संयंत्र के लिए करीब 500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी, जबकि मुंबई स्थित नेवाल्ट एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड प्लांट में 125 करोड़ रुपये निवेश करेगा। राज्य सरकार ने दावा किया कि, उन्होंने कोविड -19 महामारी के प्रभाव के बावजूद पिछले साल फरवरी से लगभग 3 लाख करोड़ रुपये के नए निवेश को आकर्षित किया है।
देश में एथेनॉल का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में पेट्रोल के साथ एथेनॉल का मिश्रण 9.89% तक पहुंच गया है, और यह ब्लेंडिंग देश के सभी राज्यों में सबसे अधिक है। 12 जुलाई तक, देश भर में औसत एथेनॉल सम्मिश्रण स्तर 7.93% था। कर्नाटक ने 12 जुलाई तक 9.68% सम्मिश्रण के साथ दूसरा स्थान हासिल किया, उसके बाद महाराष्ट्र (9.59%), बिहार (9.47%), मध्य प्रदेश (8.87%) और आंध्र प्रदेश (8.73%) का स्थान है।
व्हाट्सप्प पर चीनीमंडी के अपडेट्स प्राप्त करने के लिए, कृपया नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें.
WhatsApp Group Link