अच्छे ऑफर और उठाव के कारण पिछले 3 दिनों से घरेलू चीनी की कीमतों में तेजी आई है। जानकारों के मुताबिक, बाजार में नयी खरीदारी देखने को मिल रही है और हिंदू महीने श्रावण की शुरुआत के साथ-साथ प्रमुख हिंदू त्योहारों के बिच खालीपन के लंबे अंतराल के बाद मांग में बढ़ोतरी होने की संभावना है। कई राज्यों द्वारा लगाए गए लॉकडाउन में ढील ने भी मांग में वृद्धि लाई है। लगातार 7 महीनों तक कीमतों में गिरावट के बाद देश भर में कीमतों में औसतन 80 से 100 रूपये प्रति क्विंटल की वृद्धि देखी गई है।
2 अगस्त 2021 को राज्यवार मूल्य:
महाराष्ट्र: S/30 चीनी का व्यापार 3120 रुपये से 3155 रुपये प्रति कुंतल रहा और M/30 का व्यापार 3180 से 3250 रुपये प्रति कुंतल रहा.
कर्नाटक: S/30 चीनी का व्यापर 3160 से 3220 रहा और M/30 का व्यापर 3200 से 3230 रहा.
उत्तर प्रदेश: M/30 चीनी का व्यापार 3325 रुपये रहा.
गुजरात: न्यू S/30 चीनी का व्यापार 3125 से 3141 रूपये रहा जबकि M/30 का व्यापार 3221 से 3241 रुपये प्रति कुंतल रहा.
तमिलनाडु: S/30 चीनी का व्यापार 3325 रुपये से 3350 रुपये रहा और M/30 चीनी का व्यापार 3375 से 3400 रूपये रहा.
(यह सभी दरें GST छोड़कर है)
बाजार में आये हुए इस बदलाव पर बोलते हुए, उत्तर प्रदेश के एक व्यापारी ने नाम नहीं बताने के शर्त पर कहा की, “अगस्त 2021 के महीने के लिए कोटा की घोषणा के बाद कीमतों में100 रूपये/क्विंटल की वृद्धि हुई है। खरीदार आज की कीमतों के आधार पर मुनाफावसूली के लिए अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। उत्तरी क्षेत्र से रेक के लिए सक्रिय बुकिंग के कारण, महाराष्ट्र और कर्नाटक में चीनी की कीमतों में 30 से 50 रूपये/क्विंटल तक की बढ़ोतरी को देखना कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।”
चीनीमंडी के साथ बातचीत में, श्री ए टी मोहन, तमिलनाडु के एक प्रमुख व्यापारी और, एम. ए. टी. संस के मालिक ने टिप्पणी की, “कोलकाता से रेक के लिए उल्लेखनीय सोर्सिंग महाराष्ट्र के क्षेत्रों में भी देखी गई है जिसने बाजार में मजबूती पैदा की है। लंबे समय के बाद मांग काफी अच्छी है। आने वाले दिनों में कीमतें स्थिर रहने की संभावना है।”
आपको बात दे, सीजन 2019-20 और 2020-21 के लिए अधिशेष चीनी उत्पादन के मद्देनजर घरेलू चीनी की कीमतों में गिरावट आई है। एक्स-मिल की कीमतों में गिरावट के कारण मिलें आर्थिक समस्या से जूझ रही है जिसके कारण गन्ना बकाया भुगतान करने में वे विफल हुए है।
अथनी शुगर्स के कार्यकारी निदेशक और सीएफओ श्री योगेश पाटिल ने कहा, “यह कम मासिक कोटा रिलीज के कारण कीमत में एक अस्थायी उछाल है और यह चालू महीने तक सीमित रहेगा। हालांकि, मौजूदा एफआरपी और अन्य बढ़ी हुई लागतों को देखते हुए स्थायी चीनी व्यापार मॉडल के लिए एमएसपी को न्यूनतम 3450 रूपये प्रति क्विंटल तक बढ़ाने की आवश्यकता है।”
एक निजी स्वामित्व वाले चीनी ट्रेडिंग पोर्टल eBuySugar.com के प्रवक्ता ने कहा की, “व्यापार अच्छी मात्रा में हो रहा है। पहले घोषित मासिक रिलीज ऑर्डर को ध्यान में रखते हुए, अगस्त के लिए कोटा थोड़ा कम किया गया है, जो संस्थागत खरीदारों की नियमित मांग और त्योहारों के कारण नई खरीद को देखते हुए बाजार को मजबूत रखेगा।
29 जुलाई, 2021 को जारी अधिसूचना में सरकार के खाद्य मंत्रालय ने अगस्त के लिए देश के 557 मिलों को चीनी बिक्री का 21 लाख टन कोटा आवंटित किया है।
इस बार पिछले माह की तुलना में कम चीनी आवंटन की गयी है। खाद्य मंत्रालय द्वारा जुलाई 2021 के लिए 22 लाख टन चीनी बिक्री कोटा की मंजूरी दी गयी थी। वही दूसरी ओर अगस्त 2020 की तुलना में इस बार ज्यादा चीनी आवंटित की गई है। सरकार ने अगस्त 2020 के लिए 20.50 लाख टन चीनी आवंटित की थी।