नई दिल्ली : भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने सोमवार को भविष्यवाणी की कि, अगस्त-सितंबर के दौरान मानसून ‘सामान्य’ रहेगा। हालांकि, अक्टूबर से प्रशांत महासागर में ला नीना (La Nina) के संभावित उद्भव से मानसून का मौसम लंबा हो सकता है और कटाई की अवधि के दौरान अधिक बारिश हो सकती है।फाइनेंसियल एक्सप्रेस के अनुसार विश्लेषकों ने चेतावनी दी है की, मानसून का मौसम लंबा होने से संभावित रूप से कुछ खरीफ फसलों को नुकसान पहुंचा सकता है।
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने एक ऑनलाइन ब्रीफिंग में कहा, देश भर में 2021 अगस्त-सितंबर की बारिश सामान्य होने की संभावना है।” एलपीए के 95 % से 105 % के बीच बारिश को दो महीनों के लिए ‘सामान्य’ माना जाता है। अगस्त के दौरान, मानसून वर्षा एलपीए का 99% होने की संभावना है। उत्तर-पश्चिम, पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत के प्रमुख धान और गन्ना उत्पादक क्षेत्रों के कई क्षेत्रों में ‘सामान्य से कम’ से ‘सामान्य’ बारिश की भविष्यवाणी की गई है।
जून-जुलाई के दौरान पुरे देश में बारिश बेंचमार्क (एलपीए) से 1% कम थी। आम तौर पर, बुवाई का 65% जुलाई में होता है, जबकि शेष 35% 107 मिलियन हेक्टेयर सामान्य खरीफ रकबे में जून और अगस्त-सितंबर में कवर किया जाता है। अक्टूबर-नवंबर में ला नीना की स्थिति के उद्भव का अनुमान हैं, उस अवधि के दौरान भारत में अधिक बारिश हो सकती है, जो कटाई के लिए तैयार फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।
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