नई दिल्ली : इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने मंगलवार को कहा कि, वैश्विक चीनी की कीमतें अब 19 सेंट बढ़ गई हैं और आगे भी कीमतों में तेजी रहने की संभावना है। वैश्विक चीनी उत्पादन में कमी के कारण चीनी क्षेत्र फोकस में है। इस बड़ी कमी का प्रमुख कारक ब्राजील हैं, जो 90 वर्षों में सबसे खराब सूखे से जूझ रहा हैं। साथ ही माल भाड़ा बढ़ रहा है और हाल ही में ठंड से भी फसल क्षतिग्रस्त हुई है। वर्मा के अनुसार, भारत 6-7 मिलियन टन चीनी का निर्यात करने में सक्षम होगा। उन्होंने कहा, पिछले साल हमने लगभग 6 मिलियन टन निर्यात किया था, जो अब तक का एक रिकॉर्ड था। इस साल हमें 6.8 से 7 मिलियन टन के आसपास कहीं भी निर्यात करने की उम्मीद है जो फिर से एक और रिकॉर्ड है।
सीएनबीसी-टीवी18 के साथ एक साक्षात्कार में बोलते हुए, वर्मा ने कहा, वैश्विक बाजार में चीनी कमी वैश्विक कीमतों को बढ़ाएगी और ठीक ऐसा ही हुआ है। करीब 12-13 महीने पहले वैश्विक स्तर पर कच्ची चीनी की कीमत करीब 12-13 सेंट के आसपास थीं। अब यह 18.5-19 सेंट के आसपास है। विशेषज्ञों के अनुमान के अनुसार चीनी उत्पादन घाटा लगभग 5 मिलियन टन होने की संभावना है, जिससे अगले महीने या उसके बाद दुनिया भर में चीनी की कीमतें 20-20.5 सेंट को पार कर जाती हैं, तो यह आश्चर्य की बात नहीं होगी। इसलिए, अगले 10 से 12 महीनों में वैश्विक कीमत बहुत तेज देखने को मिल सकती हैं।
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