नई दिल्ली: इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य (MSP) को मौजूदा 31 रुपये प्रति किलो से बढ़ाकर कम से कम 34-35 रुपये प्रति किलो करने का आग्रह किया है ताकि अक्टूबर 2021 से शुरू होने वाले नए पेराई सत्र से पहले गन्ना बकाया भुगतान करने में मदद मिल सके। चीनी के एमएसपी में 3-4 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी से इसकी कीमत 34-35 रुपये प्रति किलो के मौजूदा एक्स-मिल चीनी मूल्य के करीब आ जाएगी और उपभोक्ता मूल्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
बिजनेस स्टैंडर्ड में प्रकाशित खबर के मुताबिक, ‘इस्मा’ ने पत्र में कहा है की ‘MSP’ को बढ़ाने की जरूरत है क्योंकि फरवरी 2019 के बाद से इसमें बढ़ोतरी नही हुई है। MSP बढ़ाने से न केवल चीनी की बिक्री से चीनी मिलों की राजस्व प्राप्ति में सुधार होगा, बल्कि किसानों को गन्ने के मूल्य का भुगतान करने की उनकी क्षमता में भी सुधार होगा। यदि चीनी का MSP 31 रुपये से बढ़ाकर 34-34.50 रुपये प्रति किलो किया जाता है, तो चीनी मिलों को मौजूदा 16.1 मिलियन टन चीनी स्टॉक के लिए लगभग 4,800 करोड़ रुपये अतिरिक्त कार्यशील पूंजी मिलेगी और 2021-22 में सीजन में 31 मिलियन टन के अनुमानित चीनी उत्पादन के मुकाबले 9,200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कार्यशील पूंजी मिलेगी।
पत्र में कहा गया है कि, चीनी उद्योग को मिलने वाले सभी अतिरिक्त नकदी प्रवाह और चीनी की बिक्री से अतिरिक्त राजस्व का उपयोग किसानों के गन्ना मूल्य बकाया को चुकाने के लिए किया जाएगा।
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