मैसूर: मैसूर-चामराजनगर गन्ना उत्पादकों की शिकायतों और बन्नारी अम्मान चीनी मिल के प्रतिनिधियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे उपायुक्त (डीसी) डॉ बगदी गौतम ने कहा की, गन्ना मूल्य तय करने के लिए जिला प्रशासन राज्य सरकार को पत्र लिखेगा। बैठक की शुरुआत में किसानों ने जिला प्रशासन से सरकार को पत्र लिखकर 3,500 प्रति टन रुपये गन्ना मूल्य और चीनी मिलों को गन्ना किसानों को अग्रिम राशि भुगतान करने के लिए निर्देश देने की मांग की।किसानों ने आरोप लगाया कि, चीनी मिलों ने पिछले चार वर्षों से इथेनॉल और अन्य गन्ना उप-उत्पादों पर लाभांश के अपने हिस्से का भुगतान नहीं किया है।
Starofmysore.com में प्रकाशित खबर के मुताबिक, बन्नारी अम्मान चीनी मिल के प्रतिनिधि वीनस स्वामी ने कहा कि, किसानों को भुगतान नहीं किया गया था क्योंकि सरकार द्वारा चालू वर्ष के लिए गन्ना मूल्य तय करना बाकी है। उन्होंने दावा किया कि, अगर सरकार ने अभी तक गन्ना मूल्य तय किया होता तो भुगतान में कोई देरी नहीं होती। डीसी ने वीनस स्वामी से सवाल किया कि, मिल अधिकतम कितना भुगतान कर सकता है, जिस पर वीनस स्वामी ने कहा कि वह मिल के अधिकारियों के साथ इस मामले पर चर्चा करेंगे। वीनस स्वामी ने यह भी तर्क दिया कि चूंकि इथेनॉल चीनी मिलों के दायरे में नहीं आता है, इसलिए वे उप-उत्पाद के लिए लाभांश का भुगतान नहीं कर सकते हैं। जब किसानों ने दावा किया कि चीनी मिल द्विपक्षीय समझौते से भटक गया है, तो डीसी ने चीनी मिल के प्रतिनिधियों को इसे सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया। इस बैठक में कर्नाटक गन्ना उत्पादक संघ के अध्यक्ष कुरबुर शांता कुमार, पदाधिकारी अट्टा हल्ली देवराज, हल्लीकेरे हुंडी भाग्यराज, किरागासुर शंकर, खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के संयुक्त निदेशक कुमुदा शरत, कृषि के संयुक्त निदेशक महंतेशप्पा और अन्य उपस्थित थे।
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