काठमांडू: गन्ना किसानों ने सरकार से चीनी मिलों द्वारा जल्द से जल्द बकाया का भुगतान करने में मदद करने का आग्रह किया है। एक संयुक्त प्रेस बयान जारी कर गन्ना उत्पादकों के छह एसोसिएशनों ने बकाया भुगतान नहीं मिलने पर कड़ा विरोध शुरू करने की चेतावनी दी है। उन्होंने चीनी मिलों के मालिकों का बचाव करने वाली सरकारी एजेंसियों की भी आलोचना की है। गन्ना किसानों ने गन्ना किसान संघर्ष समिति और उद्योग मंत्रालय के बीच 3 जनवरी, 2020 को हुए पांच सूत्री समझौते को लागू करने की मांग की है। उन्होंने शिकायत की कि, उन्हें उनका बकाया नहीं मिला है, भले ही सरकार ने उन्हें उनके बकाया का निपटान करने में मदद करने का आश्वासन दिया हो।
गन्ना किसान संघर्ष समिति के अनुसार, पिछले साल नवंबर और दिसंबर में राजधानी में उनके विरोध के बाद भी किसानों को केवल 330 मिलियन रुपये मिले हैं और अभी भी 410 मिलियन रुपये का भुगतान नहीं किया गया है। महालक्ष्मी चीनी मिल और अन्नपूर्णा चीनी मिल पर गन्ना किसानों का 120 मिलियन रुपये, लुंबिनी चीनी मिल का 30 मिलियन रुपये, इंदिरा चीनी मिल का 40 मिलियन रुपये, जबकि भगवती खांडसारी द्वारा किसानों को 50 लाख रुपये का भुगतान करना बाकी है।
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