मुंबई, 17 जनवरी (भाषा) भाजपा की अगुवाई वाली केन्द्र सरकार के आय सहयोग योजना शुरू करने की अटकलों के बीच वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बृहस्पतिवार को कहा कि खाद्यान्न की अधिकतता के कारण कीमतों और किसानों की आय दोनों में गिरावट आई है जो एक नीतिगत चुनौती है।
बजट से एक पखवाड़े पूर्व उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि किसी महत्वपूर्ण स्थिति से निपटने के लिए प्रमुख नीतिगत घोषणाओं वाले अंतरिम बजटों के उदाहरण रहे हैं।
जेटली ने कहा, ‘‘हमारे किसानों ने उत्पादकता बढ़ाई है और हम सरप्लस वाले क्षेत्र में आ गये हैं। पिछले कई सालों से हमारे समक्ष सरप्लस का प्रबंधन एक चुनौती है… दाम गिर गए हैं।’’
इस समय न्यूयार्क में इलाज करवा रहे वित्त मंत्री यहां सीएनबीसी-टीवी 18 के इंडियन बिजनेस लीडरशिप अवार्ड कार्यक्रम को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में खाद्यान्न की कीमतों में गिरावट संकेत देता है कि किसानों की आमदनी कम हो रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘आपदा, सूखा जैसी स्थितियों …(उनसे निपटने के लिए) को लोकलुभावन व्यय के रूप में नहीं माना जा सकता।’’
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि बाजार किसी लोकलुभावन उपाय और बाध्यकारी स्थिति से प्रेरित परिस्थिति के बीच अंतर कर सकता है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि कई क्षेत्रों में सफलता मिली लेकिन चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ में तुरंत कार्रवाई करने की जरूरत है।
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