नई दिल्ली: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा की, केंद्र सरकार द्वारा 50 रुपये प्रति टन की FRP बढ़ोतरी महंगाई की तुलना में काफी कम है। उन्होंने कहा, 50 रुपये प्रति टन की FRP बढ़ोतरी का प्रति किलोग्राम से हिसाब लगाया जाए तो 5 पैसे भी नहीं होती, और पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि की तुलना में ‘अपर्याप्त’ है।
किसान नेता राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन की आगे की रणनीति को लेकर एनडीटीवी से बातचीत की। उन्होंने यूपी में गन्नों की कीमतों को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, पंजाब सरकार के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार को भी गन्ने की एसएपी बढ़ानी होगी, क्योंकि सरकार ने पिछलें कई सालों से एसएपी नहीं बढाई है। केंद्र सरकार द्वारा इतनी कम एफआरपी बढ़ाने से गन्ना किसान खुश नहीं है।
आपको बता दे, केंद्र सरकार ने 25 अगस्त को कहा था कि उसने अक्टूबर से शुरू होने वाले अगले पेराई सत्र के लिए गन्ना मूल्य (FRP) को 5 रुपये से बढ़ाकर 290 रुपये प्रति क्विंटल करने का फैसला किया है।
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में विपणन वर्ष 2021-22 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए गन्ने का FRP बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
सरकार ने कहा कि बेसिक रिकवरी रेट 10 फीसदी के लिए 290 रुपये प्रति क्विंटल की FRP तय की गई है।
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