देहरादून: उत्तर प्रदेश की तरह अन्य गन्ना उत्पादक राज्यों में भी गन्ना भुगतान एक अहम् मुद्दा बना हुआ है। उत्तराखंड में भी अब तक शत प्रतिशत भुगतान नहीं हुआ है, जिसको लेकर किसानों द्वारा विरोध भी किया जा रहा है।
उत्तराखंड में अगले पेराई सत्र की तैयारियां शुरू हो चुकी है, लेकिन राज्य की चीनी मिलों पर गन्ना उत्पादकों का 231.45 करोड़ रुपये बकाया है। गन्ना विकास मंत्री यतीश्वरानंद ने विधानसभा में भाजपा विधायक देशराज करनावल के एक सवाल के जवाब में इसकी जानकारी दी।
मंत्री यतीश्वरानंद ने कहा कि, इकबालपुर चीनी मिल पर गन्ना उत्पादकों का 179.30 करोड़ रुपये, लिब्बरहेड़ी चीनी मिल का 18.83 करोड़ रुपये और लक्सर चीनी मिल का 33.32 करोड़ रुपये बकाया है।
गन्ने के भुगतान और रिकवरी के मामले में हरिद्वार की स्थिति अन्य जिलों से अच्छी है। उन्होंने आश्वस्त किया की, सरकार गन्ना किसानों का जल्द से जल्द भुगतान होने के लिए प्रयास कर रही है।