सतारा: मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्वराज्य इंडिया एग्रो लिमिटेड ने गन्ने की आपूर्ति करने वाले किसानों को एफआरपी से अधिक का भुगतान किया है। रिलीज मैकेनिज्म के मुताबिक चीनी मिलों को केंद्र सरकार द्वारा एक साथ चीनी बेचने की इजाजत नहीं मिलती है, लेकिन चरणों में दी जाती है। इसलिए मिल को चीनी बेचने में छह महीने से ज्यादा का समय लग जाता है। स्वराज्य इंडिया एग्रो लिमिटेड ने चीनी बिक्री के बाद किसानों को किस्तों में भुगतान किया है। 31 अगस्त के अंत तक 99 प्रतिशत बिल का भुगतान एफआरपी के अनुसार किया जा चुका था। 16 सितंबर के अंत तक, 100 प्रतिशत किसानों को भुगतान कर दिया गया था।
स्वराज्य इंडिया एग्रो लिमिटेड कारखाना प्रशासन ने जानकारी दी है कि, किसी ने चीनी आयुक्त कार्यालय को गलत जानकारी देकर किसानों और गन्ना उत्पादकों के बीच भ्रम पैदा करने की कोशिश की है। मिल प्रशासन ने कहा की, इस बारे में सभी वस्तुनिष्ठ जानकारी चीनी आयुक्त कार्यालय को दी जाएगी।
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