मराठवाड़ा में चीनी मिल गन्ना किसानों को बेहतर जल प्रबंधन प्रणाली चुनने के लिए कर रही है प्रेरित

उस्मानाबाद: जिले के कलंब तालुका में स्थित नेचुरल शुगर एंड एलाइड इंडस्ट्रीज लिमिटेड अपने कुल 10,000 हेक्टेयर गन्ना क्षेत्र में से 6,000 से अधिक को ड्रिप सिंचाई के तहत लाने में कामयाब रही है।

Indianexpress.com में प्रकाशित खबर के मुताबिक, मिल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक बी बी थोम्बरे ने दावा किया कि, यह मराठवाड़ा क्षेत्र में ड्रिप सिंचाई के तहत गन्ने का सबसे बड़ा क्षेत्र है। थोम्बरे का कहना है कि, मिल द्वारा ड्रिप सिंचाई से अपनी फसल उगाने वाले किसानों को 10 रुपये प्रति क्विंटल अधिक भुगतान करने के निर्णय के कारण जल प्रबंधन प्रणाली विकसित हुई है। उन्होंने कहा, वित्तीय लाभ और मिल द्वारा निरंतर प्रयास के कारण कुल गन्ना क्षेत्र का 60 प्रतिशत ड्रिप सिंचाई के तहत लाने में कामयाबी हासिल की है।

सूखाग्रस्त मराठवाड़ा क्षेत्र में पानी की काफी किल्लत है। इस क्षेत्र में वार्षिक वर्षा केवल लगभग 780 मिमी के लगभग होती है और किसानों को गर्मी के महीनों से निपटने और अपनी फसलों को जीवित रखने के लिए भूजल पर निर्भर रहना पड़ता है। लेकिन बार-बार सूखे की वजह से किसानों की फसल बर्बाद हो जाती है। जिसके चलते थोम्बरे ने तय किया कि, जल प्रबंधन को बढ़ावा देने का सबसे अच्छा तरीका उन गन्ना उत्पादकों को अधिक भुगतान करना है, जो प्रवाह सिंचाई के बजाय ड्रिप सिंचाई का उपयोग करते हैं। उन्होंने कहा, पिछले 10 वर्षों से, ड्रिप सिंचाई पर गन्ना उगाने वाले हमारे किसानों को उनसे खरीदे गए गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) के रूप में 10 रुपये प्रति क्विंटल अधिक मिल रहे हैं।

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