नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि, सरकार अगले छह से आठ महीनों में सभी वाहन निर्माताओं को यूरो VI उत्सर्जन मानदंडों के तहत फ्लेक्स-फ्यूल इंजन बनाने के निर्देश देगी। फ्लेक्स-ईंधन, गैसोलीन और मेथनॉल या एथेनॉल के संयोजन से बना एक वैकल्पिक ईंधन है। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, गडकरी ने आगे कहा कि, अगले 15 वर्षों में, भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग 15 लाख करोड़ रुपये का होगा। उन्होंने कहा, हम यूरो IV उत्सर्जन मानदंडों के तहत फ्लेक्स-ईंधन इंजनों के निर्माण की अनुमति देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा प्रस्तुत करने की योजना बना रहे है।
गडकरी ने दावा किया कि, सभी वाहन निर्माताओं के लिए फ्लेक्स-फ्यूल इंजन बनाना अनिवार्य करने के बाद वाहनों की लागत नहीं बढ़ेगी। मंत्री गडकरी ने भविष्यवाणी की कि, आने वाले दिनों में भारत हरित हाइड्रोजन का निर्यात करने में सक्षम होगा। सरकार ने जनवरी 2016 में पेट्रोल और डीजल के लिए यूरो IV उत्सर्जन मानदंडों से सीधे यूरो VI मानकों तक छलांग लगाने का फैसला किया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में एक अंतर-मंत्रालयी समूह ने 6 जनवरी, 2016 को भारत स्टेज VI (यूरो VI मानदंडों के समकक्ष पालन किए गए) के कार्यान्वयन के लिए तारीख को चार साल बढ़ाकर 1 अप्रैल, 2020 करने का निर्णय लिया था।