कोल्हापुर: जिले के अधिकांश चीनी मिल मालिकों ने केंद्र द्वारा निर्धारित उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) के अनुसार गन्ना किसानों को एक ही किश्त में भुगतान करने की घोषणा की है, वहीं सतारा और सांगली जिलों के किसान संगठनों ने भी वही मांग की है। सांगली और सतारा में स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के कार्यकर्ता मिलों द्वारा किसानों को भुगतान की जाने वाली राशि की घोषणा करने की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं। अधिकांश मिलों ने एफआरपी की कि घोषणा नहीं की है, हालांकि उन्होंने पहले ही गन्ने की कटाई और पेराई शुरू कर दी है। गुस्साए किसान अब गन्ना लदे वाहन ट्रैक्टरों को ट्रॉलियों और ट्रैक्टरों के टायरों से हवा छोड़ कर मिलों तक पहुंचने से रोक रहे हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के सांगली जिला अध्यक्ष महेश खराडे ने कहा, कोल्हापुर जिले की अधिकांश मिलों ने घोषणा की है कि वे एफआरपी के अनुसार भुगतान करेंगी। दूसरे जिलों की मिलें ऐसा क्यों नहीं कर रही हैं? हमने किसानों से अपील की है कि अगर वे भुगतान का आश्वासन नहीं देते हैं तो मिलों को गन्ना न काटने दें।
उन्होंने कहा, अगर गतिरोध जारी रहा तो हम वाहनों को बाधित करते रहेंगे। हमने चीनी मिल के प्रतिनिधियों की एक बैठक बुलाई है ताकि उन्हें कानून के अनुसार एक ही किश्त में एफआरपी राशि का भुगतान करने के लिए सहमत किया जा सके। बुधवार को सतारा में किसानों और मिल प्रतिनिधियों के बीच बैठक हुई लेकिन बिना किसी समाधान के समाप्त हो गई। किसानों के प्रतिनिधियों ने मिलों द्वारा कीमतों की घोषणा नहीं करने पर मिलों के बाहर धरने पर बैठने की धमकी दी है।