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Pune: काफी लंबे समय से देशभर के गन्ना किसान एक बड़ी समस्या से जुज रहे है और वह है चीनी मिल द्वारा उनके गन्ने का भुगतान नहीं होना। चीनी की एमएसपी में कमी और निर्यात में गिरावट के चलते चीनी मिलें नकदी तंगी से बेहाल है। किसानों को एकमुश्त एफआरपी चुकाने के लिए मिलों के पास पर्याप्त राशी ही नही है, सरकार द्वारा भी अब मदद मिलने की गुंजाईश काफी कम हो चुकी है । इसके चलते कई मिलें खुद ही खुदरा बाजार में उतर रही है।
बुधवार को, पुणे जिले के दौंड तालुका के शिकारपुर में श्रीनाथ म्हस्कोबा शुगर फैक्ट्री के गेट के बाहर स्थापित रिटेल आउटलेट से चीनी की बिक्री शुरू हुई।
आपको बता दें कि, यह पहली बार हो रहा है की कोई चीनी मिल खुदरा बिक्री के बाजार में उतरी है, और इससे काफी सारे सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
ChiniMandi.com से ख़ास बातचीत में श्रीनाथ म्हस्कोबा शुगर फैक्ट्री के CEO, दत्ताराम रास्कर, ने बताया की आने वाले समय में ग्रामीण क्षेत्र में कुछ और रिटेल आउटलेट खुलेंगी, जिससे मिल सीधे ग्राहक तक पहुंच पाएगी। खास बात ये है कि ऐसे रिटेल आउटलेट से काफी सारे रोज़गार उपलब्ध होंगे, जिसका मुनाफा सिर्फ और सिर्फ आम जनता को मिलेगा।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र के चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड़ ने कहा कि खुदरा बाजार में मिलों द्वारा चीनी की सीधी बिक्री में कोई कानूनी समस्या नहीं है और वे बिना किसी समस्या के 50 किलोग्राम के पैक में चीनी बेच सकते है।
चीनी उद्योग के लिए यह प्रयोग काफी सकारात्मक साबित हो सकता है और इससे संकट से भी बाहर आया जा सकता है।
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