रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार से अधिशेष धान से एथेनॉल उत्पादन की अनुमति देने की मांग की। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा covid -19 महामारी के बाद बुनियादी ढांचे और आर्थिक विकास पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्रियों की एक आभासी बैठक का आयोजन किया था, इस बैठक के दौरान सीएम बघेल ने उनसे यह अनुरोध किया। बघेल ने कहा कि, इस फसल के अधिशेष उत्पादन के कारण छत्तीसगढ़ को देशभर में ‘धान का कटोरा’ के रूप में जाना जाता है, और पिछले 2-3 वर्षों से राज्य सरकार केंद्र से एथेनॉल के निर्माण की अनुमति देने का लगातार आग्रह कर रही है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दावा किया कि, अगर केंद्र एथेनॉल उत्पादन की अनुमति देता है, तो राज्य सरकार एथेनॉल के उत्पादन के लिए अधिशेष धान का उपयोग कर सकती है। इससे न केवल किसानों और राज्य को लाभ होगा बल्कि इससे केंद्र द्वारा पेट्रोलियम उत्पादों के आयात पर खर्च की जा रही विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी। राज्य सरकार ने एथेनॉल के उत्पादन की तैयारी कर ली है और 12 कंपनियों के साथ एथेनॉल निर्माण इकाइयां स्थापित करने के लिए एमओयू भी किया गया है। हालांकि, राज्य को गन्ना और मक्का से इथेनॉल बनाने की अनुमति मिल गई है, उन्होंने केंद्रीय मंत्री से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि धान के लिए समान अनुमति दी जाए।