गांधीनगर: एथेनॉल निर्माण इकाइयों और किसानों दोनों के हितों को ध्यान में रखते हुए, गुजरात सरकार जल्द ही ‘एथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति, 2021’ की घोषणा करेगी। राज्य सरकार द्वारा नीति को बढ़ावा देने के लिए कई प्रोत्साहनों की घोषणा किये जाने की उम्मीद है।
द टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, राज्य सरकार एथेनॉल का उत्पादन करने के लिए नई डिस्टिलरी स्थापित करने और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा अनुमोदित किसी भी विधि को स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करेगी। गुजरात एग्रो इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (जीएआईसीएल) राज्य में इस नीति के कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार नोडल एजेंसी होगी। GAICL वेब-आधारित बातचीत तंत्र विकसित करेगा जहां सुझावों और शिकायतों को सीधे संबोधित किया जा सकता है।
वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के आगामी संस्करण से पहले ‘एथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति’ घोषित होने की उम्मीद है। इस निति का उद्देश्य जैव-एथेनॉल के उत्पादन के लिए मक्का के साथ कृषि उप-उत्पादों के घरेलू फीडस्टॉक का उपयोग, विकास और बढ़ावा देना है। पारंपरिक या संकरण विधि के माध्यम से मक्के की खेती में लगे सभी किसान इथेनॉल निर्माण इकाइयों को मक्के की उपज की आपूर्ति करने के लिए नीति के तहत पात्र होंगे। आपको बता दे की, मक्का को कम पानी की आवश्यकता होती है, कम अवधि में प्रति हेक्टेयर अधिक उपज देता है और किसी भी मौसम में उगाया जा सकता है। एक मीट्रिक टन मक्के से 380 लीटर एथेनॉल का उत्पादन किया जा सकता है।