क्यूबा का चीनी उद्योग कर रहा है संघर्ष…

हवाना : क्यूबा में चीनी उद्योग काफी कठिन दौर से गुजर रहा है। कभी दुनिया का शीर्ष चीनी निर्यातक क्यूबा अब आयात पर निर्भर है। देश में फसल का रकबा लगातार घट रहा है, जिसका सीधा असर चीनी उत्पादन पर होते दिखाई दे रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, क्यूबा में 2020-21 सीजन में 800,000 टन चीनी उत्पादन हुआ। यह उत्पादन लगभग तीन दशक पहले अधिकतम उत्पादन का केवल 10 प्रतिशत था और यह उद्योग की 130 वर्षों में सबसे खराब स्थिति थी।

1989 तक क्यूबा दुनिया का सबसे बड़ा चीनी निर्यातक था, जबकि 1960 तक अमेरिका इसका प्रमुख ग्राहक था। उसके बाद सोवियत संघ एक महत्वपूर्ण खरीदार बन गया। 1991 में कम्युनिस्ट पतन से क्यूबा के चीनी उद्योग को बड़ा झटका लगा। पश्चिमी देशों के प्रतिबंध, कीमतों में भारी गिरावट और निवेश की कमी के कारण देखते देखते 100 मिलें बंद हो गईं। आज 56 मिलें ही बची हैं। दिसंबर 2021 में, सरकार ने चीनी मिलों को पुनर्जीवित करने के लिए दर्जनों उपायों को मंजूरी दी। इसने गन्ना उत्पादकों को भुगतान की जाने वाली कीमत को दोगुना कर दिया, श्रमिकों की मुफ्त भर्ती और मिलों को निर्णय लेने की स्वायत्तता दी।सरकार के उपायों ने चीनी श्रमिकों के पलायन को धीमा करने में कामयाबी हासिल की है। लेकिन अब क्यूबा में चीनी उत्पादक उर्वरकों और कीटनाशकों की कमी से बुरी तरह प्रभावित हैं।

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