नई दिल्ली : वर्ष 2020, जब भारत ने BSVI में छलांग लगाई, तब भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग के लिए यह एक मील का पत्थर था। इसी तरह, 2022 ऑटोमोटिव उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष होने के लिए तैयार है क्योंकि केंद्र सरकार फ्लेक्स ईंधन प्रौद्योगिकी अपनाने के लिए एक नीति की घोषणा करने के लिए तैयार है।
इकनोमिक टाइम्स के औटो डॉट कॉम में प्रकाशित खबर के मुताबिक, सरकारी एजेंसी के साथ काम करने वाले एक सूत्र ने कहा कि, फ्लेक्स ईंधन पर एक नीति की घोषणा कुछ महीनों में की जाएगी और इसे लागू करने में कम से कम एक साल का समय लगेगा। पिछले साल यह अधिसूचित किया गया था कि, ए20 ईंधन (पेट्रोल मिश्रित 20% एथेनॉल) कार्यक्रम 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगा।
हालांकि BSIV से BSVI में बदलाव जैसी बड़ी तकनीकी छलांग लगाने की जरूरत नहीं। फ्लेक्स फ्यूल रेडी होने के प्रयास भी बहुत अलग नहीं होंगे। वाहन में पिस्टन, सिलेंडर ब्लॉक, सिलेंडर हेड, इंजेक्टर, फ्यूल रेल जैसे कुछ घटकों को बदलना होगा। एक तरह से, यह एक नया इंजन विकास है। यह अनुमान लगाया गया है कि, नियमित पेट्रोल वाहनों की तुलना में कारों के लिए अतिरिक्त लागत प्रभाव 25,000 रुपये और दोपहिया वाहनों के लिए 12,000 रुपये तक हो सकता है। यह कच्चे माल की कीमत में उतार-चढ़ाव, प्रौद्योगिकी लागत में बदलाव आदि जैसे कारकों के आधार पर भिन्न भी हो सकता है।