इस्लामाबाद: सरकार ने रणनीतिक भंडार बढ़ाने के लिए घरेलू चीनी मिलों से लगभग 0.5 मिलियन टन चीनी खरीदने का फैसला किया है। हालांकि, सरकार को चीनी रखने के लिए भंडारण क्षमता रखनी होगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार चीनी के लिए रणनीतिक भंडार का निर्माण करेगी लेकिन समस्या यह है कि सरकार के पास चीनी की रक्षा के लिए आवश्यक भंडारण क्षमता नहीं है। इसलिए सरकार को एक ऐसा तंत्र खोजना होगा कि यदि खरीदी गई चीनी को चीनी मिलों में रखा जाए तो इससे सरकार को कोई परेशानी नहीं होती है।
सरकार के पास रमज़ान में या जुलाई और अगस्त 2022 में आवश्यक भंडारित चीनी होगी। वित्त मंत्रालय की ओर से बुधवार को की गई आधिकारिक घोषणा के मुताबिक, संघीय वित्त और राजस्व मंत्री शौकत तारिन ने राष्ट्रीय मूल्य निगरानी समिति (एनपीएमसी) की बैठक की अध्यक्षता की। एनपीएमसी ने देश में चीनी की कीमतों पर भी चर्चा की और बताया गया कि,पिछले सप्ताह चीनी की कीमतों में मामूली कमी देखी गई है। इसके अलावा, अध्यक्ष शौकत तारिन ने उद्योग और उत्पादन मंत्रालय को भविष्य में कीमतों में स्थिरता बनाए रखने के लिए देश में चीनी के रणनीतिक भंडार के निर्माण की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया।