विश्व बैंक ने भारत में वाटरशेड के कायाकल्प के लिए $115 मिलियन का ऋण प्रदान किया

नई दिल्ली : भारत सरकार और विश्व बैंक के बीच 115 मिलियन डॉलर (869 करोड़ रुपये) का महत्वपूर्ण करार हुआ है। इस करार के तहत वर्ल्ड बैंक की ओर से भारत को यह राशि कर्ज के तौर पर दी गई है, और इस पैसे का इस्तेमाल वॉटरशेड परियोजनाओं को बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा। आपको बता दे कि, रीजूवेनेटिंग वॉटरशेड फॉर एग्रीक्लचर रेजिलेंस थ्रू इनोवेटिव डेवलपमेंट के अंतर्गत यह समझौता हुआ है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि, इस राशि के माध्यम से बदलाव, उच्च उत्पादकता और बेहतर आय को बढ़ावा देना।

भारत सरकार, कर्नाटक और ओडिशा की राज्य सरकारों और विश्व बैंक ने ‘अभिनव विकास कार्यक्रम’ के माध्यम से ‘वाटरशेड का कायाकल्प’ नामक कार्यक्रम के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत में दुनिया के सबसे बड़े वाटरशेड प्रबंधन कार्यक्रमों में से एक है। नया कार्यक्रम देश में वाटरशेड प्रबंधन प्रणाली को और बढ़ावा देगा। समझौते के अनुसार, इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट कर्नाटक को 60 मिलियन डॉलर (453.5 करोड़ रुपये), ओडिशा को 49 मिलियन डॉलर (370 करोड़ रुपये) और शेष 6 मिलियन डॉलर (45.5 करोड़ रुपये) केंद्र सरकार के भूमि संसाधन विभाग के लिए देगा। वित्त मंत्रालय ने कहा कि 115 मिलियन डॉलर (869 करोड़ रुपये) के ऋण की परिपक्वता अवधि 15 वर्ष है, जिसमें 4.5 वर्ष की छूट अवधि भी शामिल है।

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