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लखनऊ : भुगतान में देरी को लेकर उत्तेजित, उत्तर प्रदेश के गन्ना किसान 15 फरवरी को राज्य में विरोध रैली निकालने के लिए तैयार हैं। रैली हजरतगंज से शुरवात होगी और गन्ना आयुक्त के कार्यालय के यहाँ समाप्त होगी।
यह रैली राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के मुखिया एवं पूर्व विधायक वीरेंद्र मोहन सिंह जी के नेतृत्व में होगा।
लोकसभा चुनाव कगार पर है, और राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के मुखिया की लोकप्रियता को मद्देनजर रखते हुए, ऐसा कहा जा सकता है की इसका असर सरकार पर पड़ सकता है।
गन्ना किसानो की मांग है की उनका बाकया भुगतान जल्द से जल्द हो, लेकिन काफी सारे चीनी मिल भुगतान करने में असमर्थ रही है। गन्ना नियंत्रण अधिनियम 166 के अनुसार, गन्ने के क्रशिंग के बाद किसानों को 14 दिनों के भीतर एफआरपी भुगतान करना जरूरी होता है।
सिंह जी ने गन्ना आयुक्त को पत्र लिखा है, जिसमे उन्होंने ने लिखा है की, 1. राज्य भर के सभी गन्ना किसानों के फसली ऋणों को माफ किया जाए 2. 2017-2018 और 2018-2019 की अवधि के लिए सभी गन्ना किसानों को दिए जाने वाले ब्याज के साथ-साथ शेष गन्ने का बकाया भुगतान हो। 3. अमरोहा, मझोला, चट्टा चीनी मिलों का संचालन सुनिश्चित करना जो परिचालन में नहीं हैं। इसके आलावा भी उन्होंने ने काफी सारे मुद्दे को पत्र में लिखा है।
सिंह जी ने कहा की हम उम्मीद करते है की हर ग्राम पंचायत से कम से कम एक गन्ना किसान विरोध में शामिल हो। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद राज्य सरकार किसानों को ब्याज चुकाने में असमर्थ रही है।
अंजनी दीक्षितजी, ज़िला अध्यक्ष राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन जनपद लखीमपुर खीरी, ने बताया की रैली में ३०,००० से ज्यादा गन्ना किसान भाग लेंगे।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन ने इस महीने की शुरुआत में जनवरी के अंत में देश में 20 हजार करोड़ रुपये के गन्ने के बकाया का अनुमान लगाया था, और कहा कि यदि अप्रैल के अंत तक मौजूदा स्तर पर बने रहेंगे, तो वे अप्रैल के अंत तक “बहुत असहज” स्तर तक बढ़ सकते हैं।
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