राज्य सरकार से एथेनॉल यूनिट्स के लिए 15 किलोमीटर के नियम को रद्द करने का आग्रह किया गया

मैसूर: State Sugarcane Growers’ Association द्वारा मंगलवार को यहां आयोजित गन्ना उत्पादकों की संभागीय बैठक में गन्ना किसानों के कई मुद्दों पर चर्चा की गई। इस बैठक में महाराष्ट्र के प्रगतिशील किसान संजीव माने ने कहा कि, अगर गन्ना उत्पादक वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में वैज्ञानिक खेती के मॉडल अपनाते हैं, तो उन्हें अच्छी उपज मिल सकती है। गन्ना कर्नाटक की एक प्रमुख व्यावसायिक फसल है। राज्य में प्रति एकड़ औसत 60 से 80 टन गन्ने की उपज प्राप्त होती है। कुछ किसानों ने 100 टन प्रति एकड़ गन्ना उत्पादन हासिल किया है।

माने बताया कि, कैसे किसान प्रति एकड़ 160 टन उपज प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा, 2017 में, मैंने 200 टन के लक्ष्य के साथ शुरुआत की, और मै 168 टन तक पहुँच गया। State Sugarcane Growers Association के अध्यक्ष कुरबुर शांता कुमार ने राज्य सरकार से चीनी मिलों को बिना किसी प्रतिबंध के कहीं भी एथेनॉल उत्पादन इकाइयों शुरू करने की अनुमति देने का आग्रह किया। उन्होंने सरकार से इस संबंध में 15 किलोमीटर के नियम को रद्द करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि, गन्ना फसल हर तरह से लाभदायक है, लेकिन फिर भी किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल रहा है, जो दुखद है।

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