कोलकाता: देश में एथेनॉल उत्पादन बढ़ाने के लिए कई कंपनिया आगे आयी है। असम भी एथेनॉल उत्पादन बढ़ाने को लेकर बढ़ चढ़कर हिसा ले रही है।
असम की नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) ने बांस से एथनॉल बनाने के लिए फिनलैंड की कंपनी के साथ समझोता किया है। सीआईआई के एक कार्यक्रम में एनआरएल के प्रबंध निदेशक भास्कर ज्योति फुकन ने कहा कि, कंपनी ने जैव-एथेनॉल प्लांट में भारी निवेश किया है। फुकन ने कहा, हमने बांस से एथेनॉल बनाने के लिए एक फिनलैंड के फर्म के साथ करार किया है। किसानों से बांस की खरीद की जाएगी, जिससे किसानों के आय में बढोतरी होगी।
फुकन ने कहा कि, कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए, कंपनी कैप्टिव बिजली उत्पादन से बाहर निकलने और ग्रिड से जुड़ने की कोशिश कर रही है जिसके लिए उसने एक हरित बिजली उत्पादक के साथ बिजली खरीद समझौता किया है। उन्होंने कहा कि भारत को कच्चे तेल की कीमतों की अस्थिरता से बाहर निकलने की जरूरत है, और हम इस प्रयास में सरकार का साथ देने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा, पूर्वोत्तर में बहुत सारा पानी है, इसलिए हाइड्रोजन का स्थानीय रूप से उत्पादन किया जा सकता है और इसे हरित ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।