पंजाब: गन्ना किसानों की मिल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी

जालंधर : मुकेरियां के किसानों ने चीनी मिल कार्यालय का घेराव किया और गन्ना मांग पर्ची के कथित गलत वितरण को लेकर मिल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पत्रकारों से बातचीत करते हुए किसान गुरनाम सिंह जहानपुर, राजकुमार महिताबपुर, बहादुर सिंह बज्जू और अन्य ने आरोप लगाया कि, क्षेत्र के गन्ना किसान मिल प्रबंधन की गलत प्रणाली के शिकार हुए हैं। गन्ना मांग पर्चियों का उचित वितरण नहीं होने के कारण उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। चीनी मिलें शुरू होने में देरी के कारण गेहूं की बुआई शुरू नहीं हो पाई है। गन्ने की पर्चियां देर से मिलने के कारण फसल की खेती किसानों के लिए हानिकारक साबित हो रही है।

द ट्रिब्यून में प्रकाशित खबर के मुताबिक, किसानों ने कहा कि मिल प्रबंधन द्वारा कैलेंडर प्रणाली में पारदर्शिता नहीं बरती जा रही है, इसलिए किसानों को परेशानी हो रही है और गन्ना छीलने में लगे मजदूरों का दबाव भी उन पर बढ़ता जा रहा है। अब गन्ना किसानों को अपना गन्ना बेचने के लिए दूर-दराज की चीनी मिलों में जाने को मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने मांग की कि कैलेंडर प्रणाली को पारदर्शी बनाया जाए और गन्ना किसान के नाम के साथ डिस्प्ले बोर्ड पर लगाया जाए। साथ ही किसानों ने मांग की कि गन्ने का भुगतान भी नियमित तरीके से सुनिश्चित किया जाए।

गन्ना किसानों के साथ बातचीत करते हुए महाप्रबंधक संजय सिंह ने आश्वासन दिया कि, किसानों की सभी मांगों को पूरा किया जाएगा और आने वाले दिनों में गन्ना मांग पर्ची का पूरा विवरण पारदर्शी तरीके से डिस्प्ले बोर्ड पर प्रदर्शित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि, अगले कुछ दिनों में गन्ने का भुगतान भी नियमित कर दिया जाएगा।संजय सिंह ने किसानों को आश्वासन दिया कि, चीनी मिल क्षेत्र के गन्ना उत्पादकों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करने देगी और क्षेत्र की सभी गन्ना खरीद व्यवस्थित तरीके से की जाएगी।

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