चालू सीजन में 75 लाख टन चीनी निर्यात होने की संभावना

नई दिल्ली: देश में पिछले तीन से चार सालों से गन्ना और चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन हो रहा है, और दूसरी ओर चीनी निर्यात में भी भारत हर साल नया मुकाम हासिल कर रहा हैै। केंद्र सरकार द्वारा मिल रहे मदद के कारण चीनी उद्योग फलफूल रहा है। आपको बता दे कि, एक तरफ जहां चीनी उत्पादन के वैश्विक कमी की बात की जा रही है, वही दूसरी तरफ भारतीय चीनी की मांग में संभावित वृद्धि का अनुमान लगाया जा रहा है।

इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) के अनुसार, निर्यात के मोर्चे पर, यह बताया गया है कि अब तक 60 लाख टन से अधिक निर्यात अनुबंध किए जा चुके हैं। उसमें से, लगभग 42 लाख टन फरवरी, 2022 के अंत तक भौतिक रूप से निर्यात किए जाने का अनुमान है। मार्च 2022 में अन्य 12-13 लाख टन चीनी का निर्यात होने की उम्मीद है, जिससे कुल 54-55 लाख टन चीनी का निर्यात किया जाएगा। 2021-22 सीजन (अक्टूबर-सितंबर) के लिए लगभग 1.93 मिलियन टन के वैश्विक कमी का संकेत देने वाली हालिया आईएसओ रिपोर्ट और अधिक भारतीय चीनी खरीदने के लिए निर्यातकों की रुचि को देखते हुए, ‘ISMA’ के सदस्यों ने सहमति व्यक्त की कि चीनी का निर्यात पहले की अपेक्षा अधिक होगा। चालू सीजन में 75 लाख टन चीनी निर्यात होने की संभावना है, जबकि पहले 60 लाख टन चीनी का अनुमान लगाया गया था।

‘ISMA’ ने अपने दूसरे अग्रिम अनुमानों में अनुमानित 117 लाख टन के मुकाबले महाराष्ट्र के लिए 2021-22 सीजन के लिए अपने चीनी उत्पादन अनुमान को 126 लाख टन (एथेनॉल में बदलने के बाद) संशोधित किया है। इसी तरह, कर्नाटक में अब 55 लाख टन (एथेनॉल में डायवर्जन के बाद) उत्पादन होने की उम्मीद है। हालांकि, यूपी सहित अन्य राज्यों में ज्यादा बदलाव की उम्मीद नहीं है, और उनसे 152 लाख टन चीनी (एथेनॉल में डायवर्जन के बाद) का उत्पादन होने की उम्मीद है। इसलिए 2021-22 सीजन में भारतीय चीनी उत्पादन 333 लाख टन होने की उम्मीद है, जबकि 34 लाख टन चीनी को एथेनॉल उत्पादन के लिए इस्तेमाल किया जायेगा।

 

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