सीजन 2021-22: देश में 15 मार्च तक 283.26 लाख टन चीनी का उत्पादन…

नई दिल्ली : इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) के अनुसार, 2021-22 सीजन के दौरान, 516 चीनी मिलों ने पिछले साल संचालित 503 मिलों के मुकाबले अपना पेराई संचालन शुरू किया, यानी इस सीजन 13 और मिलों का संचालन हुआ। 15 मार्च 2022 तक 283.26 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया है, जबकि पिछले साल 15 मार्च 2021 तक 259.37 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया था। पिछले साल की तुलना में इस साल चीनी का 23.89 लाख टन अधिक उत्पादन हुआ है। 15 मार्च तक देश में कुल 81 मिलों ने पेराई बंद कर दी है और 435 चीनी मिलें अभी भी पेराई कर रही हैं। उसकी तुलना में, पिछले साल 172 मिलों ने 15 मार्च, 2021 को परिचालन बंद कर दिया था और तब 331 मिलें चल रही थीं।

महाराष्ट्र में 108.95 लाख टन चीनी का उत्पादन…

महाराष्ट्र में 15 मार्च तक चीनी का उत्पादन 108.95 लाख टन हुआ, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 94.05 लाख टन उत्पादन हुआ था। वर्तमान 2021-22 सीजन में, 13 मिलों ने पेराई बंद कर दी है, उनमें से अधिकांश कोल्हापुर क्षेत्र में हैं, और शेष 184 चीनी मिलें चल रही हैं। पिछले सीजन में इसी तारीख को 49 मिलों ने अपना परिचालन बंद कर दिया था, जबकि 140 मिलें चालू थीं।

78.33 लाख टन के साथ उत्तर प्रदेश चीनी उत्पादन में दूसरे स्थान पर…

यूपी में 15 मार्च 2022 तक 120 चीनी मिलों ने 78.33 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। 120 चीनी मिलों में से, 16 चीनी मिलों ने पेराई संचालन बंद कर दिया है, उनमें से ज्यादातर पूर्वी यूपी में स्थित हैं। पिछले साल राज्य में इतनी ही संख्या में मिलें शुरू थी और 15 मार्च 2021 तक 84.25 लाख टन का उत्पादन किया था। 18 मिलों ने पिछले साल इसी तारीख को अपना पेराई कार्य बंद कर दिया था।

कर्नाटक में 72 मिलों द्वारा 54.65 लाख टन चीनी उत्पादन…

कर्नाटक में 15 मार्च तक 72 चीनी मिलों ने 54.65 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। राज्य में 72 चीनी मिलों में से 24 मिलों ने अपना परिचालन बंद कर दिया है और 48 मिलें अभी भी चल रही हैं। पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान 66 चीनी मिलों ने 41.95 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। 66 चीनी मिलों में से 62 ने अपना परिचालन समाप्त कर दिया था और पिछले साल 15 मार्च 2021 तक केवल 4 मिलें चालू थीं।

गुजरात समेत अन्य राज्यों में भी रहा अच्छा चीनी उत्पादन…

गुजरात में, 15 मिलें वर्तमान में चालू हैं और 15 मार्च, 2022 तक 9.15 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। पिछले साल, समान संख्या में चीनी मिलें शुरू थीं, जबकि 2 मिलों ने इसी तारीख को अपना परिचालन बंद कर दिया था और 15 मार्च, 2021 तक 8.49 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। तमिलनाडु के मामले में, 26 चीनी मिलों ने 2021-22 सीजन के लिए अपना पेराई कार्य शुरू किया और 5.75 लाख टन चीनी का उत्पादन किया, जबकि इसी तारीख को 2020-21 सीजन में 26 चीनी मिलों द्वारा 4.16 लाख टन चीनी उत्पादन हुआ था। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, बिहार, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़, राजस्थान और ओडिशा ने 15 मार्च, 2022 तक सामूहिक रूप से 26.43 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। आंध्र प्रदेश में 2 मिलें, तेलंगाना में 3 मिलें, बिहार में 9 मिलें, पंजाब में 6 मिलें, मप्र में 5 मिलें, छत्तीसगढ़ में 1 मिल, राजस्थान में 1 मिल और ओडिशा में 1 मिल ने चालू सीजन में अब तक अपने पेराई कार्यों को समाप्त कर दिया है। .

अब तक 64-65 लाख टन चीनी निर्यात का अनुबंध…

व्यापारियों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, अब तक लगभग 64-65 लाख टन चीनी निर्यात का अनुबंध किया गया है। जिसमें से चालू चीनी वर्ष में फरवरी, 2022 के अंत तक भारत से लगभग 47 लाख टन चीनी का भौतिक रूप से निर्यात किया गया है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान लगभग 17.75 लाख टन चीनी का निर्यात किया गया था। इसके अलावा, उम्मीद है कि इस महीने के अंत तक भौतिक निर्यात लगभग 55-56 लाख टन हो सकता है। इस हिसाब से अनुमान है कि चालू सीजन में भारतीय चीनी उद्योग 75 लाख टन का निर्यात कर पाएगा, जो एक बार फिर रिकॉर्ड उपलब्धि होगी। 272 लाख टन की अनुमानित घरेलू खपत और 333 लाख टन के उत्पादन को ध्यान में रखते हुए, 75 लाख टन के निर्यात से 30 सितंबर, 2022 को चीनी के क्लोजिंग स्टॉक को 68 लाख टन तक कम करने में मदद मिलेगी। यह 3 साल पहले 30 सितंबर, 2019 को भारतीय चीनी उद्योग के 145 लाख टन के स्टॉक से 77 लाख टन कम होगा।

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