चेन्नई : 2022-23 के कृषि बजट में चीनी विभाग के लिए 7.05 करोड़ रूपये आवंटित किए गए। यह विभाग पहले उद्योग विभाग के नियंत्रण में था और अब इसे कृषि और किसान कल्याण विभाग के अधीन लाया गया है। कृषि और किसान कल्याण मंत्री एम.आर.के. पन्नीरसेल्वम ने गन्ना किसानों के लिए 2022-23 में विभिन्न योजनाओं को लागू करने की घोषणा की। कीमत बढ़ाने के लिए गन्ना उत्पादकों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करने के लिए, सरकार ने 2021-22 के पेराई सत्र के दौरान पंजीकृत चीनी मिलों को आपूर्ति करने वाले पात्र किसानों को 195 रूपये प्रति टन का विशेष प्रोत्साहन देने का फैसला किया है। इस योजना से लगभग 1.20 लाख किसानों को लाभ होगा।
द हिन्दू में प्रकाशित खबर के मुताबिक, मंत्री एम.आर.के. पन्नीरसेल्वम ने कहा कि, 15 सहकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों की प्रयोगशालाओं के आधुनिकीकरण के लिए 3 करोड़ रुपये का नियोजन है। अमरावती, अरिग्नर अन्ना, चेय्यार, चेंगलरायण, धर्मपुरी, कल्लाकुरिची-1, कल्लाकुरिची-2, एमआरके, मदुरंतगम, पेरम्बलुर, सुब्रमण्य शिव, सेलम, तिरुपत्तूर, तिरुत्तानी और वेल्लोर चीनी मिल को इस फैसले का लाभ होगा। पन्नीरसेल्वम ने कहा कि मयिलादुथुराई जिले में स्थित एकमात्र मिल एनपीकेआरआर सहकारी चीनी मिल, गन्ने की कम उपलब्धता के कारण 2016-17 के पेराई सत्र से काम नहीं कर रही है। किसानों के मांग पर विचार करते हुए मिल को फिर से शुरू करने की संभावना की जांच के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा।