कोलंबो: श्रीलंका में आर्थिक संकट गहराता जा रहा है। महंगाई की वजह से देश में खाने-पीने की चीजों की कीमतों में भारी उछाल आया है। श्रीलंका में एक किलो चीनी की कीमत 290 श्रीलंकाई रुपये (Sri lankan currency) पर पहुंच गई है। 400 ग्राम मिल्क पाउडर की कीमत 790 रुपये, जबकि चावल की कीमत 500 श्रीलंकाई रुपए प्रति किलो पहुंच गई है। पिछले तीन दिनों में मिल्क पाउडर की कीमत में 250 रुपये का उछाल आया है।
समस्या की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोगों को खाने-पीने का सामान खरीदने के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ता है। गहराते आर्थिक और खाद्य संकट को देखते हुए कई श्रीलंकाई तमिल अब भारत की ओर रुख कर रहे हैं। करीब 16 श्रीलंकाई शरणार्थियों के रूप में मंगलवार को भारत में दाखिल हुए। ऐसा अनुमान है कि बड़ी संख्या में श्रीलंकाई भारत में शरण ले रहे हैं।
श्रीलंकाई शरणार्थियों की दो टीमें मंगलवार को भारतीय तट पर पहुंचीं। इनमें से छह लोगों के एक दल को भारतीय तटरक्षक बल ने रामेश्वरम के तट से बचाया। वे अरिचल मुनई से दूर एक द्वीप पर फंस गए थे। इन लोगों ने श्रीलंका के उत्तरी जाफना, मन्नार क्षेत्र से यात्रा की थी। मंगलवार को पहुंचे शरणार्थियों में तीन बच्चे भी थे। ये लोग रामेश्वर के तट के पास एक द्वीप पर फंस गए थे। भारतीय तटरक्षक बल के जवानों ने उन्हें बचाकर भारत लाया। 10 लोगों की दूसरी टीम देर रात भारतीय तट पर पहुंची।
विश्लेषकों ने चिंता व्यक्त की है कि, श्रीलंका के पास विदेशी मुद्रा भंडार सूख गया है। देश के पास बाहर से जरूरी सामान लाने के लिए पैसे नहीं हैं। इस साल उसे 6 अरब अमेरिकी डॉलर का कर्ज किस्तों में चुकाना है, लेकिन विदेशी मुद्रा भंडार मुश्किल से दो अरब के आसपास है। ऐसे में चीन ने जहां एक तरफ हाथ खड़े कर दिए हैं, वहीं भारत ने 17 मार्च को 1 अरब डॉलर की क्रेडिट सुविधा देने का फैसला किया है।