अपर मुख्य सचिव, श्री संजय आर. भूसरेड्डी की अध्यक्षता में इफको (IFFCO) एवं गन्ना विभाग के संयुक्त तत्वावधान में फसलों की अच्छी पैदावार एवं विकास में नैनो यूरिया का किसानों के हित में उपयोग करने के लिए विस्तृत रूप से चर्चा की गई। सामान्यतः खेत में डाली गई यूरिया का 30 प्रतिशत उपयोग होता है शेष बची हुए यूरिया नाइट्रोजन गैस (अमोनिया, नाइट्रस आक्साइड) या नाइट्रेट के रूप में जमीन में लीच (निक्षालन) करके उड़कर व पानी के साथ बह जाता है जो कि मिट्टी, वायु व जल को प्रदूषित करता है। वही नैनो यूरिया फसल में 70 प्रतिशत उपयोगी हो जाता है एवं पर्यावरण शुद्व रहता है। नाइट्रोजन उपयोग क्षमता बढ़ने से फसल की उपज, गुणवत्ता में सुधार एवं किसानो की आमदनी में वृद्वि होती है।
श्री भूसरेड्डी ने उर्वरकों के संतुलित उपयोग एंव जैव उर्वरकों को बढ़ावा देने के साथ ही अधिक से अधिक किसानों को नैनो यूरिया का प्रयोग करने पर बल दिया, जिससे किसानों को यह ज्ञात हो सकें कि फसल की पैदावार को प्रभावित किये बिना यूरिया व अन्य नाइट्रोजनयुक्त उर्वरकों की बचत कैसे हो। नैनो यूरिया का फसलों पर अधिकतम किल्ले बनने की अवस्था तथा पुष्पा अवस्था से 10 दिन पूर्व छिड़काव करके अधिकतम लाभ लिया जा सकता है। नैनो यूरिया के प्रयोग करने से सरकार द्वारा यूरिया पर दी जा रही सब्सिडी धनराशि में भी बचत होगी तथा 30 प्रतिशत आयातित यूरिया के मांग नैनो यूरिया से पूराकर राष्ट्र आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ाने में सफल होगा।
गन्ना समितियों के लगभग 550 गोदामों एवं चीनी मिल गेट पर इफको के नैनो यूरिया तथा अन्य नये लाभकारी उत्पादों को फ्लैक्सी के माध्यम से प्रचार-प्रसार के निर्देश भी दिये गये है। नैनो यूरिया के स्प्रे को बढ़ाने हेतु ट्रेक्टर, माऊंटेड स्प्रेयर, बूमस्प्रेयर एवं हस्तचालित बैट्रीस्पेयर किसानों को समितियों के माध्यम से उपलब्ध कराने हेतु इफको से अपेक्षा की गई है। श्री भूसरेड्डी द्वारा किसानों को नैनो यूरिया के उपयोग के संबंध में गोदाम प्रभारियों तथा चीनी मिल के गन्ना विकास से जुड़े कार्मिकों को प्रशिक्षण देने हेतु निर्देशित किया गया है। चीनी मिलों से यह भी अपेक्षा की गई है कि अप्रैल, मई माह में होने वाले पेड़ी गन्ना फसल पर छिड़काव हेतु नैनो यूरिया जल विलेय का छिड़काव वृहद रूप से कराए।
वेबिनार में विशेष सचिव, उत्तर प्रदेश शासन, डा. रूपेश कुमार, अपर गन्ना आयुक्त श्री वाई.एस.मलिक, श्री आर.पी. यादव, संयुक्त गन्ना आयुक्त डा. वी.बी. सिंह, विश्वेश कनौजिया समस्त वरिष्ठ अधिकारी एवं वैज्ञानिक तथा गन्ना विकास विभाग एवं चीनी मिलों के 950 अधिकारी एवं कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया।