मुंबई : महाराष्ट्र में चीनी मिलों ने किसानों को 25,931.09 करोड़ उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) चुकाया है, जो कि 2021-22 सीज़न के लिए कुल FRP का लगभग 96 प्रतिशत है। 15 मार्च, 2022 तक कुल देय FRP 27,075.33 करोड़ रूपये है है, जिसके लिए 194 मिलों द्वारा 944.24 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) गन्ने की पेराई की गई है। प्रदेश की लगभग 76 मिलों ने 100 प्रतिशत एफआरपी का भुगतान किया है, जबकि 59 मिलों ने 80 से 99 प्रतिशत के बीच एफआरपी का भुगतान किया है। 118 मिलों के कारण 948.77 करोड़ रूपये एफआरपी बकाया है, जबकि पिछले सीजन की एफआरपी बकाया राशि 478.57 करोड़ है।
महाराष्ट्र के चीनी आयुक्त कार्यालय ने एफआरपी भुगतान करने में विफल चीनी मिलों के खिलाफ अभी तक राजस्व और वसूली प्रमाण पत्र (आरआरसी) आदेश जारी नहीं किए है। 30 मार्च तक राज्य में चीनी मिलों ने 1,131.91 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) गन्ना पेराई के साथ 1,175.99 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है। पश्चिमी महाराष्ट्र के चीनी बेल्ट में क्रशिंग अगले महीने के अंत तक जारी रहेगी। इस बीच, वेस्ट इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (WISMA) ने अतिरिक्त गन्ना को परिवहन और चीनी रिकवरी में गिरावट के लिए राज्य सरकार से अनुदान की मांग की है।