नई दिल्ली : इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने 8 अप्रैल को हुई अपनी बैठक में कहा कि, 31 मार्च, 2022 तक देश में चीनी का उत्पादन लगभग 310 लाख टन हुआ है। महाराष्ट्र और कर्नाटक ने मार्च 2022 के अंत तक क्रमशः लगभग 119 और 58 लाख टन का उत्पादन किया है, और 167 मिलें अभी भी महाराष्ट्र में चल रही थी, जबकि कर्नाटक में 21 मिलें चल रही थीं। 34 लाख टन चीनी को एथेनॉल में बदलने पर विचार करने के बाद, 2021-22 सीजन में देश में चीनी उत्पादन 350 लाख टन होने की उम्मीद है।
ISMA ने चीनी की रिकवरी, गन्ना उपज, शेष कटाई योग्य क्षेत्र / गन्ना और विभिन्न राज्यों में मिलों के बंद होने की अपेक्षित तिथियों पर चर्चा की। ISMA ने कहा की, महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ने की उपलब्धता पहले की अपेक्षा से अधिक है। तदनुसार, ISMA ने महाराष्ट्र के लिए 2021-22 सीजन (एथेनॉल में डायवर्जन के बाद) के चीनी उत्पादन अनुमान को संशोधित कर 134 लाख टन कर दिया है, जबकि एक महीने पहले इसका अनुमान 126 लाख टन था। इसी तरह, कर्नाटक में अब 62 लाख टन (एथेनॉल में बदलने के बाद) का उत्पादन होने की उम्मीद है, जबकि पहले अनुमान लगाया गया था कि यह 55 लाख टन है। हालांकि, यूपी सहित अन्य राज्यों में मामूली बदलाव की उम्मीद है, और उनसे 154 लाख टन चीनी (एथेनॉल में डायवर्जन के बाद) का उत्पादन होने की उम्मीद है, जबकि पहले अनुमानित 152 लाख टन था।
निर्यात के मोर्चे पर, अब तक लगभग 74 लाख टन निर्यात अनुबंध किए जा चुके हैं। उसमें से, मार्च, 2022 के अंत तक 57 लाख टन से अधिक भौतिक रूप से निर्यात किए जाने की सूचना है। अप्रैल 2022 में लगभग 7-8 लाख टन का निर्यात किया जाना है। इसके अलावा, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार घरानों की खबरें बताती हैं कि, वैश्विक बाजार भारत से 85 लाख टन से अधिक चीनी निर्यात की उम्मीद कर रहा है। ISMA की बैठक में भी इस पर चर्चा हुई और सदस्यों ने सहमति व्यक्त की कि चीनी का निर्यात पहले की अपेक्षा अधिक होगा, और भारत चालू सीजन में 90 लाख टन से अधिक चीनी का निर्यात करेगा।
1 अक्टूबर 2021 को लगभग 82 लाख टन के शुरुआती स्टॉक को ध्यान में रखते हुए, 272 लाख टन की घरेलू खपत, 90 लाख टन से अधिक चीनी का निर्यात और 350 लाख टन का अनुमानित चीनी उत्पादन के चलते 30 सितंबर, 2022 तक क्लोजिंग स्टॉक लगभग 68 लाख टन होने की उम्मीद है।