मैसूरु: उत्तर प्रदेश के चार दिवसीय अध्ययन दौरे का समापन करने वाले गन्ना उत्पादकों के एक प्रतिनिधिमंडल के अनुसार, उत्तर प्रदेश के किसानों को चीनी मिलों को उनकी उपज की आपूर्ति करने के दो सप्ताह के भीतर भुगतान किया जाता है और कर्नाटक में किसानों की तुलना में अधिक भुगतान किया जाता है।शुक्रवार को लौटा प्रतिनिधिमंडल गन्ना उत्पादकों के लाभ के लिए यूपी में अपनाई जाने वाली सर्वोत्तम प्रथाओं पर राज्य सरकार को एक रिपोर्ट सौंपेगा। प्रतिनिधिमंडल में गन्ना विकास और चीनी निदेशालय के अधिकारी, चीनी मिल के प्रतिनिधि और गन्ना उत्पादक भी शामिल थे। उन्होंने भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान (लखनऊ), एक चीनी मिल और कानपुर में एथेनॉल प्लांट का दौरा किया।
द टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, कर्नाटक राज्य गन्ना उत्पादक संघ के अध्यक्ष कुरुबुरु शांता कुमार, जो प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे, उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश कर्णाटक के मुकाबले ज्यादा मूल्य गन्ना भुगतान करता है। शांताकुमार का दावा है कि, यूपी के गन्ना उत्पादकों को उनके बैंक खातों में 14 दिनों के भीतर आपूर्ति किए गए गन्ने का भुगतान मिलता है। यूपी में गन्ने की कटाई की जानकारी मोबाइल पर साझा की जाती है और कटाई नामांकन की वरिष्ठता के आधार पर की जाती है।
उन्होंने कहा की, जल्दी भुगतान प्रणाली उन प्रमुख पहलों में से एक है जो हम कर्नाटक में भी चाहते हैं। उत्तर प्रदेश में गन्ना उत्पादक अपने मोबाइल फोन पर ही बुवाई के समय कटाई के लिए पंजीकरण करा सकते हैं। यूपी सरकार द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को यहां भी लागू किया जाना चाहिए। गन्ना विकास आयुक्त और चीनी निदेशक शिवानंद एच कालकेरी ने कहा कि, गन्ना नियंत्रण बोर्ड ने प्रतिनिधिमंडल भेजा था। उन्होंने कहा कि इस अभ्यास के पीछे का विचार उस राज्य में अपनाई जाने वाली सर्वोत्तम प्रथाओं का अध्ययन करना है।