बिजनौर : गन्ना बीज नर्सरी और इसके वितरण से उत्तर प्रदेश में 3,004 महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 58,000 से अधिक महिलाओं का सामाजिक-आर्थिक उत्थान हो रहा है। राज्य के चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इन महिलाओं ने पिछले तीन महीनों में रोग प्रतिरोधी गन्ने के बीज विकसित कर लगभग 24 करोड़ रुपये कमाए हैं। बीज एकल कली और ऊतक संवर्धन पद्धति के माध्यम से विकसित किए गए थे, जिनका राज्य भर में गन्ने के खेतों में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है।
कोविड के कठिन समय में इन महिलाओं को योजना के तहत बीज विकसित करने का प्रशिक्षण दिया गया था। यूपी, देश का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य होने के नाते, गन्ने की खेती के तहत 27 लाख हेक्टेयर से अधिक गन्ना क्षेत्रफल है।आंकड़ों के अनुसार, बिजनौर में लगभग 2,000 महिलाएं इन बीजों को किसानों को बेचकर प्रति दिन 300 रुपये कमाती हैं। ग्रामीण महिला कार्यक्रम के माध्यम से गन्ना वितरण राज्य में सामाजिक-आर्थिक स्थितियों को बदल रहा है। यह क्षेत्र महिलाओं के लिए भी अवसरों से भरा है। गन्ना विभाग का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना और गन्ने की पैदावार बढ़ाना है। सरकार समूहों को प्रत्येक गन्ना संयंत्र पर 1.30 रुपये की सब्सिडी प्रदान करती है, जिसे वे बेचते हैं। ज्यादातर किसान देर से बुवाई में इसका उपयोग कर रहे हैं क्योंकि यह तेजी से बढ़ता है।