थिम्पू: भारत ने 24 मई को एक अधिसूचना जारी कर चीनी का निर्यात 1 जून से इस 31 अक्टूबर तक सिमित किया है। अधिसूचना में कहा गया है कि, 31 अक्टूबर, 2022 से, या आगे के आदेशों तक, जो भी पहले हो, चीनी के निर्यात को अनुमति केवल चीनी निदेशालय, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (DFPD), उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय से विशिष्ट अनुमति के साथ दी जाएगी। भारत द्वारा जारी चीनी निर्यात प्रतिबंध से भूटानी उद्योग चिंतित है। भूटान में लगभग नौ पेय, ब्रुअरीज और भोजन और कृषि उद्योग हैं, जो चीनी को प्राथमिक कच्चे माल के रूप में उपयोग करते हैं। इस उद्योगों में लगभग 1,200 कर्मचारी काम करते हैं। उद्योगों में काम करने वाले अधिकारी चिंतित हैं कि यदि भारत का प्रतिबंध भूटान पर लागू होता है, तो उनके लिए मुश्किल हो जाएगा।
द नेशनल थाईलैंड में प्रकाशित खबर के मुताबिक, बिग कोला, पेय कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी समत्से जामयांग चोदा ने कहा कि, प्रतिबंध के बारे में अधिसूचना स्पष्ट नहीं है, लेकिन अगर यह भूटान के लिए लागू होता है, तो हमारे पास कंपनी बंद करने के अलावा कोई विकल्प नही है। इसी तरह बेवरेज कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि, हमारे लिए चीनी प्राथमिक कच्चे माल में से एक है और आयात बंद होने पर संचालन बंद हो जाएगा। भूटान के आर्थिक मामलों के मंत्री लोकेथ शर्मा ने कहा कि, भारत का निर्यात प्रतिबंध देश को प्रभावित करेगा। उन्होंने कहा, हम चीनी का उत्पादन नहीं करते हैं और भारत पर निर्भर हैं। मंत्री ने कहा, हम आशावादी हैं कि भारत सरकार हमारे मामले पर विचार करेगी क्योंकि हम पूरी तरह से उनके निर्यात पर निर्भर हैं।